
आलोक
इस वर्ष बारिश ना होने से अकाल पड़ना तय माना जा रहा है और शायद ऐसा पहली बार हो रहा है कि खेती-किसानी के मौसम यानी जुलाई के महीने में बड़ी संख्या में मजदूर पलायन कर रहे हैं। वही लगातार मानव तस्करी की घटनाएं भी बढ़ रही है। यही वजह है कि अचानक ट्रेन में जब एक साथ संयुक्त रूप से 16 युवतियां दिखी तो जीआरपी को भी संदेह हुआ। चांपा से कोरबा त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस के एस 2 कोच में बड़ी संख्या में ग्रामीण युवतियों की मौजूदगी से रेलवे पुलिस के कान खड़े हो गए । जीआरपी को सूचना मिली थी कि त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस के एस 2 कोच में ढेर सारी लड़कियां एक साथ कहीं जा रही है। संदेह होने पर बिलासपुर में जीआरपी तैनात हो गई और ट्रेन के पहुंचते ही S2 कोच में जाकर लड़कियों से पूछताछ की गयी। लेकिन लडकिया कोई भी ठीक-ठाक जवाब नहीं दे पाई। उन्होंने बताया कि सभी को त्रिवेंद्रम में सिलाई कढ़ाई का काम दिलाने ले जाया जा रहा है। लेकिन ऐसा किसी प्रशासनिक स्वीकृति के तहत नहीं हो रहा था और ना ही लड़कियों के पास किसी तरह के कोई दस्तावेज थे। इसलिए मानव तस्करी के संदेह पर जीआरपी ने सभी युवतियों को बिलासपुर में ही उतार लिया । हालांकि इससे सभी बेहद नाराज हो गई और जीआरपी को ही बुरा भला कहने लगी। सभी युवतियों को बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर उतारने के बाद उन्हें यात्री प्रतीक्षालय में सुरक्षित पहुंचा दिया गया। बातचीत के दौरान पता चला कि इनमें से कुछ पहले भी टेलरिंग का काम करने के लिए त्रिवेंद्रम जा चुकी है। वहां से घर लौटने पर अपने साथ कुछ और सहेलियो को लेकर वे त्रिवेंद्रम जा रही थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जीआरपी ने सुरक्षागत कारणों से 16 युवतियों को बिलासपुर में ही रोक लिया और उन्हें राजकिशोर नगर स्थित उज्ज्वल गृह भेज दिया गया । इसकी खबर लगने पर युवतियों के परिजन भागे भागे बिलासपुर पहुंचे । पता चला कि सभी युवतियां जांजगीर जिले और आसपास के गांव की है। परिजनों ने जीआरपी को बताया कि युवतियों के त्रिवेंद्रम जाने की उन्हें जानकारी है और अभिभावकों की रजामंदी से ही युवतियां काम की तलाश में त्रिवेंद्रम जा रही थी। इससे जहां मामले को लेकर धीरे संदेह के बादल छट गए वहीं युवतियों के आगे का रास्ता भी साफ हुआ। दरअसल एक साथ इतनी संख्या में जवान युवतियों के जाने की वजह से पूरा मामला संदेहास्पद बन गया था। मानव तस्करी और जिस्मफरोशी के संदेह में ही जीआरपी ने एहतियातन यह कदम उठाया था। भले ही इससे युवतियां और उनके परिजन नाराज हो रहे हो लेकिन सुरक्षा के लिहाज से जीआरपी के इस कदम की सराहना करनी होगी, जिन्होंने सतर्कता बरतते हुए अपनी जिम्मेदारी पूरी की। रविवार को परिजनों के पहुंचने और बाकायदा लिखित सहमति देने के बाद सभी युवतियों को उज्ज्वल गृह से जाने की इजाजत मिल गई।