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स्वच्छता अभियान के तहत घर-घर जाकर कचरा संग्रहण करने के कार्य पर लगीं महिला सफाई कर्मियों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है ना ही उन्हें दस्ताना,मोजा,जुता,साडी़ मास्क, लोहे का पंजा,रापा,घमेला इत्यादी मिला है। जिसके चलते वे परेशान हैं। नियमानुसार उनके स्वास्थ्य का परीक्षण भी नहीं कराया जा रहा है जिसे लेकर नगर में सवालिया निशान उठ रहा है, जबकि उनके कचरे से छाट कर निकले कबाड़ को बेच कर मिले हुए पैसों को नगर पालिका ने रख लिया है, जिसे भी उनके खाते में नहीं डाला जा रहा हैं । इस मामले को लेकर जब मीडिया कर्मीयो ने पड़ताल किया तो सीएमओ ने अपना बचाव करते हुए कहा कि संयुक्त खाता खोलने के बाद उनका पैसा डाला जाएगा ।

इससे सफाई कर्मियों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। उनके समक्ष जीविकोपार्जन की समस्या उत्पन्न हो गई है।
नगर पालिका परिषद रतनपुर ने प्रत्येक वार्ड में घर-घर जाकर कचरा संग्रहण करने के लिए महिलाओं के समूह को कार्य सौंपा गया है। जहां नगर पालिका में 19 रिक्शा है जिसमें से चार रिक्शा बिगड़ी हुई है । जिसके चलते नगर में 15 रिक्शा प्रत्येक वार्ड से गीला एवं सूखा कचरा उठा रही है। उस कचरे को महिला सफाई कर्मी एकत्र कर संग्रहण केंद्र तक पहुंचा रही हैं। रोजाना दो हजार घरों में सीटी बजा कर कचरा उठाने वाली इन महिलाओं को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इनका कहना है कि वेतन नहीं मिलने से परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है

मुख्य नगर पालिका अधिकारी के समक्ष अपनी समस्या रखी गई है, पर तीन माह बीतने के बाद भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। काम शुरू करते वक्त बताया गया था कि 5 हजार रुपये वेतन दिया जाएगाऔर पीएफ की राशि काटी जाएगी, पर आज तक ऐसा नहीं हुआ। वेतन नहीं मिलने से दुकानों में उधार बढ़ता जा रहा है। ऐसे हालातों में उनके सामने जिविकोपार्जन की समस्याएं उत्पन्न हो गई है।

बच्चों के स्कूल के फीस पटाने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। इसके चलते स्कूलों में भी उनके बच्चों की नाम काटने की बात टीचरों के द्वारा कही जा रही है। वही घर में राशन सामग्री के लिए उनके पास पैसा नहीं होने से वे काफी परेशान हैं, उनके बच्चे नमक मिर्ची और चटनी भात खाकर स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं ।इन्होंने अपनी समस्या को लेकर बिलासपुर कलेक्टर के पास शिकायत की है । उन्होंने अपनी शिकायत पत्र में 3 महीने का वेतन देने की मांग की है। लेकिन उनकी शिकायत के एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी उन्हें उनका वेतन नहीं मिला है। जिसके चलते वे शासन की इस व्यवस्था से काफी नाराज है

सफाई कर्मचारियों का कहना है कि उनके स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण नहीं कराया जा रहा है । जिसके चलते वे आए दिन बीमारियों की चपेट में आ रही है । उनका स्वास्थ्य लगातार खराब हो रहा है । उन्हें दस्ताना,मोजा,जुता,साडी़ मास्क, लोहे का पंजा,रापा,घमेला इत्यादी नियमानुसार नहीं मिला है। जिसके चलते वे परेशान हैं ।
इस मामले को लेकर सफाई कर्मियों का कहना है कि उन्होंने जो कचरे से कबाड़ छाटकर इकट्ठा किया था । उसे उन्होंने बेचा था, तब उन्हें कबाड़ी के द्वारा13,000 रूपये दिया गया था। उस राशि को उन्होंने सीएमओ के पास जमा किया है। जिसे मुख्य नगरपालिका अधिकारी हरबंस सिंह ठाकुर ने अपने पास रख लिया था । महिलाओं के द्वारा उस राशि को 04 माह से मांगा जा रहा है लेकिन वह उनके खातों में रकम को जमा नहीं कर रहे हैं । इसी तरह से पहाड़ी इंजीनियर को भी 7,000 रुपये दिया था । जिसे भी डेढ़ वर्षो से मांग किया जा रहा था । लेकिन उन्होंने भी नहीं दिया। जो कि अब रिटायर हो चुके हैं। इसी तरह से न पा के शिवा सोनी के द्वारा भी 10,000 रुपए मांग कर रख लिया गया है जो की तीर्थ यात्रा पर चले गए हैं वह भी नहीं दे रहे हैं जिसके चलते सफाई कर्मचारी परेशान हैं ।
सफाई कर्मचारियों का खाता पूर्व मुख्य नगरपालिका अधिकारी होरी सिंह ठाकुर के द्वारा दिनांक 18-09-2018 को खुलवाया गया था । जिसका खाता संख्या(37951501648)है। उसके बावजूद भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी हरबंस सिंह ठाकुर के द्वारा यह कहा जा रहा है कि सफाई कर्मचारियों का पैसा मेरे पास जमा है उनका संयुक्त बैंक खाता नहीं खुला है खाता खुलवाने के बाद उसमें उनका पैसा खाता में डाल दिया जाएगा। इसी तरह से उनका कहना है कि कचरा प्रभारी के पास सफाई कर्मचारियों का 20,000 रुपये उनकी जानकारी में है उसे भी खाता खुलने के बाद डाल दिया जाएगा अन्य लोगों के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है । कुल मिलाकर अव्यवस्थाओं के चलते रतनपुर में सफाई व्यवस्था चरमरा रही है जिसका दोषी केवल व्यवस्था में लगे अधिकारी हैं।