
डेस्क

कोटा जनपद पंचायत के समीप स्थित ग्राम पंचायत नवागांव इन दिनों डायरिया की चपेट में है। 6000 की आबादी वाले इस गांव में हर घर से एक से दो मरीज सामने आ रहे हैं। बुधवार को 12 ग्रामीणों की हालत बिगड़ी तो उन्हे आनन-फानन में नवागांव में स्थित उपस्वास्थ्य केंद्र, और अन्य जगहों पर निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। बता दे डायरिया फैलने से पहले ही ,जनपद सदस्य धर्मेन्द्र देवांगन द्वारा इसकी लिखित आवेदन देकर इसकी जानकारी से अवगत कोटा एसडीएम, जनपद पंचायत कोटा को कराया गया था,

जानकारी देने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में नहीं आई है। उल्टी, दस्त की शिकायत की बड़ी वजह गांव में फैली गंदगी और गंदे पानी की सप्लाई है। गांव के लोग लगातार बीमार सामने आने से सकते में हैं।
जब मीडिया ने गांव का मुआयना किया तो पता चला कि यहां सप्ताहभर से डायरिया का कहर जारी है। ग्रामीण घरेलू उपचार तक सीमित थे। हर घर में एक से दो मरीज सामने आ रहे हैं। उल्टी-दस्त से हालत बिगडऩे पर ग्रामीणों को अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ।
पूरा गांव डायरिया की चपेट में
जनपद सदस्य धर्मेन्द्र देवांगन ने बताया कि अभी तक 14- 15 लोग अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं।वहीं पूरा गांव डायरिया की चपेट में आ गया है।

नालियों में जल जमाव से गंदगी
हर गलियों में बरसाती पानी का जमाव हो गया है। इसके चलते यहां मच्छरों की तादात बढ़ रही है। जलस्रोतों में गंदा पानी रिस रहा है। इसके चलते हैंडपंप से भी खराब पानी आने की शिकायत मिल रही है। ग्रामीणों ने बताया कि गलियों के किनारे बने नाली में गन्दा पानी भरने से बीमारी फैला है,
यह हर साल की समस्या है, पर प्रशासन की ओर से इसके लिए पहले से कोई ध्यान नहीं दी जाती है,
