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आगामी 2 सितंबर से आरंभ होने वाले गणेश उत्सव की तैयारियां पूरे शहर में नजर आने लगी है। विघ्न विनाशक, लंबोदर महाराज की प्रतिमाएं मूर्तिकार पूरी तल्लीनता के साथ बनाने में जुटे हुए हैं। प्रथम आराध्य भगवान गणेश के उत्सव का आरंभ गणेश चतुर्थी से होगा। 2 सितंबर में अब अधिक वक्त शेष नहीं है , इसलिए मूर्तिकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। बिलासपुर में भी छोटे बड़े सैकड़ों की संख्या में गणेश उत्सव आयोजित होते हैं । जिसके लिए मूर्तिकार लंबे वक्त से प्रतिमाओं को बनाने में जुट चुके हैं घरों में स्थापित होने वाले छोटी प्रतिमाओं के साथ मूर्तिकार विशालकाय और आकर्षक प्रतिमाओं को भी आकार दे रहे हैं। हर बार की तरह मूर्तिकार अमित सूत्रधर इस बार भी गणेश प्रतिमाओं को लेकर तरह-तरह के प्रयोग करते देखे जा सकते हैं। एक तरफ जहां उनके द्वारा पारंपरिक प्रतिमाएं बनाई जा रही है तो वहीं समितियों की मांग पर कई थीम पैटर्न पर भी प्रतिमाएं उन्होंने तैयार की है ।
लोकप्रिय टीवी सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा के पात्रो पर आधारित गणेश प्रतिमाएं इस वर्ष बनाई गई है। जिसमें तारक मेहता के साथ दयाबेन, बाबूजी चंपकलाल, जेठालाल आत्माराम, पोपटलाल, नट्टू, बाघा, सोढ़ी, टप्पू आदि देखे जा सकते हैं। वहीं एक अन्य प्रतिमा को बाजीराव पेशवा स्वरूप में गढ़ा गया है। लोकप्रिय मोबाइल गेम पब्जी पर आधारित भी एक प्रतिमा तैयार की गई है तो वही बिलासपुर में इस बार हरदेव लाल मंदिर प्रांगण के पास लाल बहादुर शास्त्री स्कूल मैदान में लाल बहादुर शास्त्री गणेश उत्सव समिति द्वारा 75 हज़ार रुपए की लागत से मक्खन से बनी गणेश प्रतिमा स्थापित की जाएगी । प्रतिमाओं की कीमत 12 से लेकर लेकर 65 हज़ार के बीच है। मूर्तिकार के अनुसार निर्माण सामग्रियों में लगातार इजाफा होने से प्रतिमा निर्माण बेहद खर्चीला साबित हो रहा है लेकिन आज भी ग्राहक प्रतिमाओं का सही मोल चुकाने को तैयार नहीं। इससे मूर्तिकार बेहद परेशान हैं ।
महंगाई की अपनी परेशानी है लेकिन महंगाई परंपराओं के आड़े नहीं आ सकती ।धार्मिक अनुष्ठानों के लिए लोग वर्ष भर थोड़ी-थोड़ी बचत करते हैं और इसी बचत से उत्सव के उत्साह का आनंद लिया जाता है। इस बार भी बिलासपुर में कई स्थानों पर भव्य गणेश प्रतिमाएं विराजित की जाएगी जिनमें जगमल चौक में स्थापित होने वाला गुंबर परिवार का आयोजन सबसे विशाल और श्रेष्ठ होगा । अन्य छोटी-बड़ी सैकड़ों प्रतिमाएं शहर में स्थापित होगी। जिसके लिए पंडाल निर्माण का काम भी तेज गति से चल रहा है।