
डेस्क
जांजगीर-चांपा के मालखरौदा ब्लाक के मंद्रागोढ़ी से सिल्ली के बीच बना पुल का स्लैब रात को अचानक भरभराकर गिर गया। इससे मालखरौदा व जैजैपुर ब्लाक का संपर्क टूट गया। इस पुल की खास बात यह है कि 10 साल पहले ठेकेदार ने बिला सरिया के ही बना दिया है। यानी पुल में बीते दस सालों से भगवान भरोसे आवागमन हो रहा है। सौभाग्य की बात है कि पुल का स्लैब जिस वक्त धंसा उस वक्त उसमें कोई आवागमन नहीं कर रहा था। इस तरह एक बड़ा हादसा टल गया। मालखरौदा ब्लाक के मंद्रागोढ़ी से सिल्ली के बीच बने पुल से अंदाजा लगा सकते हैं। ठेकेदार ने इस पुल में स्लैब बनाते वक्त सरिया का इस्तेमाल ही नहीं किया है। यानी ठेकेदार ने इस रूट में आवागमन करने वालों को मरने के लिए इस तरह पुल का निर्माण कर दिया था। शुक्र है जिस वक्त पुल का स्लैब ढहा उस वक्त इस रूट में कोई आवागमन नहीं कर रहा था। मालखरौदा ब्लाक के मंद्रागोढ़ी से सिल्ली के बीच 10 साल पहले बना पुल का स्लैब बुधवार की रात को भरभराकर गिर गया। जिससे इस रूट में आवागमन ठप हो गया है। लोगों ने जागरूकता का परिचय देते हुए पुल के उपर झाडिय़ों को रखकर आवागमन का बंद करा दिया है। नहीं तो लोग पुल पार करते वक्त दुर्घटना के शिकार हो सकते थे।
ग्रामीणों के मुताबिक इस पुल का निर्माण भाजपा के शासनकाल में 10 साल पहले बना है। इसके लिए तकरीबन 10 करोड़ रुपए खर्च की गई थी। बताया जा रहा है कि मंडी बोर्ड फंड के तहत इस पुल का निर्माण किया गया है। यानी अधिकारियो ने ठेकेदार से पर्याप्त कमीशन लेकर जैसे-तैसे पुल का निर्माण कर दिया है।
पुल का निर्माण करते वक्त ठेकेदार को स्लैब में सरिया का स्तेमाल करना था, लेकिन ठेकेदार ने सरिया लगाया ही नहीं है। यह गलत है। 10 साल यह पुल कैसे चल गया यह समझ से परे है।