
ममता बनर्जी जो धरना की नौटंकी करने बैठी थी, आज कोर्ट से मुंहकी खाने के बाद अपना बोरिया बिस्तर धरना स्थल से समेट कर घर लौट गई
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
शारदा घोटाले के सबूत दबाए बैठे अपने पालतू कमिश्नर को सीबीआई की इंटेरोगेशन से बचाने हेतु ममता बनर्जी जो धरना की नौटंकी करने बैठी थी, आज कोर्ट से मुंह की खाने के बाद अपना बोरिया बिस्तर धरना स्थल से समेट कर घर लौट गई हैं, परंतु यह सोचने वाली बात है कि तृणमूल के कई सांसद व विधायक शारदा में जेल होकर आए किंतु किसी के लिए ममता बनर्जी धरने पर नहीं बैठी, परन्तु राजीव कुमार के लिए धरने पर बैठने का अर्थ है कि जो सबूत राजीव कुमार दबाए बैठे हैं उनसे सीधे ममता बनर्जी और उनके परिवार के सारदा घोटाले में फंसने की संभावना है,
आपको बता दें पिछले 7 वर्षों में हवाई चप्पल और सूती साड़ी पहनने वाली ममता बनर्जी के परिवार की संपत्ति कई गुना बढ़ चुकी है, ममता बनर्जी का भतीजा ही 100 करोड़ के बंगले में रहता है,
जो सबूत कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार दबाए बैठे हैं वह तो वही जाने, किंतु सारदा घोटाले की कुछ बातें सार्वजनिक हैं जैसे कि,
ममता बनर्जी की औसत से भी निचले स्तर की पेंटिंग्स शारदा ग्रुप के मालिक व् पूर्व नक्सली सुदीप्तो सेन ने 9-9 करोड़ में खरीदी थी, या फिर यूं कहें की ममता बनर्जी को बकायदा लीगल तरीके से घूस दी गई थी,
यह पेंटिंग खरीदकर करोड़ों की घुस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से शारदा घोटाला अंजाम देने की स्वीकृति लेने और निर्बाध तरीके से बंगाल की गरीब जनता का पैसा लूटने हेतु दी गयी थी।
आपको बता दें कि-शारदा घोटाले में 17 लाख लोगों के 40 हजार करोड़ रुपए पैसे डूबे हैं, यह सभी निम्न आय वर्ग के लोग थे जिन्होंने अपने जीवन की पूरी संपत्ति सारदा स्कीम में लगा दी अधिक लाभ कमाने के लिए और फिर वे शारदा ग्रुप के कमीशन एजेंट भी बन गए और अपने जान पहचान वालों की संपत्ति भी चिटफंड में लगवा दी थी, अंत में उनका और सभी निवेशकों का सारा पैसा डूब गया,
घोटाला उजागर होने और स्किम बन्द होने के बाद जिनके पैसे इन लोगों ने चिट फंड में लगवाए थे उनके द्वारा पैसे वापस दिलवाने का दबाव बनाने के कारण बर्बाद हो चुके चिटफंड घोटाले के 311 पीड़ितों ने आत्महत्या कर ली, कई लोग बर्बाद हो गए अपना घर, संपत्ति, व्यवसाय, दुकान बेचकर सड़क पर आ गए और आज दर दर की ठोकरें खा रहे हैं,
ध्यान देने योग्य बात है कि SEBI ने जुलाई 2011 में ही बंगाल की सरकार को शारदा ग्रुप की संदिग्ध गतिविधियों पर पर लगाम लगाने के लिए कहा था, परंतु बंगाल सरकार ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं करी और आज टीएमसी के कई नेता एमपी और विधायक इस घोटाले में नामजद है कई जेल जा चुके और कई जमानत पर हैं,
⭕ कुणाल घोष, श्रीनजॉय बोस, दोनो TMC सांसद, ममता बनर्जी के करीबी बंगाल के पूर्व DGP रजत मजूमदार और TMC सदस्य व् बंगाल के ट्रांसपोर्ट मंत्री मदन मित्रा इसी घोटाले में अरेस्ट हुए हैं, तृणमूल कांग्रेस की सांसद और अभिनेत्री शताब्दी राय और तृणमूल कांग्रेस के ही सांसद और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती सारादा ग्रुप के ब्रैंड एंबेसडर थे, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कुणाल घोष शारदा ग्रुप के CEO नियुक्त किए गए थे,
शारदा ग्रुप ने कई छोटे लोकल बंगाली मीडिया हाउस और समाचार पत्रों को खरीद लिया था और 1500 पत्रकारों को भी नौकरी पर रखा था, आठ समाचार पत्र प्रकाशित किये थे जो कि 5 अलग भाषाओं में छपा करते थे, जिसके द्वारा शारदा की चिटफंड स्कीम का प्रमोशन किया जाता था, इसके अतिरिक्त दो न्यूज़ चैनल, दो म्यूज़ीक चैनल, दो मनोरंजन चैनल, एक FM रेडियो चैनल और एक अंतर्राष्ट्रीय tv चैनल भी सारदा ग्रुप ने खरीद लिया था जिसके द्वारा यह अपनी स्किम का प्रचार-प्रसार करते थे और लोगों को शिकार बना कर उनका धन ऐंठ लेते थे,
कई तथ्य हैं जिनके आधार पर कहा जा सकता है कि ममता बनर्जी स्वयं शारदा ग्रुप को प्रमोट कर रही थी और ममता बनर्जी के निजी आर्थिक हित शारदा ग्रुप से जुड़े हुए थे,
⭕ बंगाल की मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए ममता बनर्जी शारदा ग्रुप के लोगों के साथ उठती बैठती थी, ममता बनर्जी पश्चिमी मिदनापुर के जंगलमहल इलाके में इसी शारदा ग्रुप द्वारा दान की गई एंबुलेंस और मोटरसाइकिलों का प्रयोग अपने लाव लश्कर में करवाती थी
⭕ तृणमूल कांग्रेस के सांसद कुणाल घोष शारदा ग्रुप के CEO के पद पर रहते हुए प्रतिमाह ₹16लाख की सैलेरी लेते थे,
⭕ तृणमूल कांग्रेस के सांसद श्रीएंजॉय बॉस शारदा ग्रुप के मीडिया ऑपरेशन में सीधे तौर पर जुड़े हुए थे,
⭕ तृणमूल कांग्रेस की सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रहे मदन मित्रा शारदा ग्रुप के एंप्लोई यूनियन की अध्यक्षता करते थे, और बंगाल के ट्रांसपोर्ट मंत्री के पद पर रहते हुए सार्वजनिक रूप से लोगों को शारदा ग्रुप में निवेश करने के लिए प्रेरित भी करते थे,
⭕ शारदा ग्रुप के मालिक सुदीप्तो सेन ने ममता बनर्जी की कई बचकानी सी पेंटिंग करोड़ों रुपए का मूल्य चुका कर खरीदी, जिनके विषय में कहा जाता है कि यह एकदम वैध तरीके से ममता बनर्जी को शारदा ग्रुप के मालिक ने घुस दी थी
⭕ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी सरकार द्वारा यह निर्देश जारी करवाया था कि बंगाल के सभी सरकारी विभाग और पब्लिक लाइब्रेरी केवल शारदा ग्रुप द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र ही खरीदेंगे और डिस्प्ले पर रखेंगे,
⭕ इसी शारदा ग्रुप ने एक डूबी हुई “लैंडमार्क सीमेंट” नामक कंपनी भी खरीदी थी जिसके सह-मालिक थे बंगाल के टेक्सटाइल मंत्री श्याम्पदा मुखर्जी,
⭕ सुदीप्तो सेन ने स्वीकार किया था कि उसने ढाई करोड़ रुपए कांग्रेस नेता व् कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मतंग सिंह की पत्नी मनोरंजना को और 30 लाख रुपये उसके पिता के.एन गुप्ता को दिए थे।
अब विडंबना देखिए जिस घोटालेबाज औरत और वर्तमान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ही राज्य के 17 लाख लोगों को शारदा घोटाले के सूत्रधार के संग मिलकर लूटा, आज वही घोटालेबाज ममता बनर्जी अपने आप को बचाने के लिए धरने पर बैठी हुई है, और इसे लोकतंत्र बचाने का सत्याग्रह कहकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है और दोष भाजपा व् मोदी पर मढ़कर अपना राजनीतिक उल्लू भी सीधा करने में जुटी हुई है,
ममता को भय है कि सारदा घोटाले का यही सत्य कहीं भाजपा नेता चुनाव प्रचार के समय अपनी रैलियों में ना बोल दे इसीलिए अमित शाह और आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को लैंडिंग की परमिशन नहीं मिलती जिससे कि उनकी रैलियां रद्द हो सके, परंतु यह इंटरनेट और सोशल मीडिया का युग है जहां सूचनाएं एक क्षण में यहां से वहां पहुंच जाती है,
भाजपा नेताओं को रोककर, तृणमूल अध्यक्षा ममता बनर्जी अपनी घोटालेबाजों संग साँठगाँठ का सत्य बंगाल की जनता तक पहुंचने से रोक नहीं सकती।