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भारतीय रेलवे प्राइवेटाइजेशन की ओर बढ़ रही है। भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस के बाद अब रेलवे 150 प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करेगी। इन प्राइवेट ट्रेनों का रूट तय करने की योजना पर काम चल रहा है। इसके लिए रेलवे की तरफ से निविदा आमंत्रित की जाएगी।हर एक ट्रेन में करीब 16 कोच होंगे। इसके लिए कुल 2,400 कोच बनाने की जरूरत होगी। प्रत्येक कोच के निर्माण पर करीब 6.5 ले लेकर 7 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।लोगों की जरूरत के हिसाब से उपलब्ध कराई जाएगी।इन प्राइवेट ट्रेन को दिल्ली-मुंबई, दिल्ली हावड़ा के अलावा अन्य रुट पर चलाएंगे। प्राइवेट ट्रेन के चलने से रेलवे की लंबी वेटिंग को खत्म करने में मदद मिलेगी। प्राइवेट ट्रेन की स्पीड 160 किमी/घंटे होगी। इस पहल से निजी निवेश में रेलवे को 16,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
देश की पहली ट्रेन दिल्ली-लखनऊ रुट पर चलाया जाएगा। जो कि अक्टूबर के पहले हफ्ते से चलेगी। ट्रेन के सफर के लिए करीब 2000 टिकट बुक हो चुके हैं। इसमें से ज्यादातर टिकट दिवाली के दौरान 23 से 26 अक्टूबर के दौरान बुक हुए हैं।