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बिलासपुर- कोरबा जिले के कटघोरा वनपरिक्षेत्र में मादा हाथी मौत मामले में वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल रिपोर्ट लेते हुए, प्राथमिक तौर पर अधिकारियों की मिली गंभीर लापरवाही के बाद तत्काल प्रभाव से प्रभारी वनमंडलाधिकारी डी डी संत को निलंबित कर दिया है, वहीं इस मामले में बिलासपुर वन मंडल के मुख्य वन संरक्षक पी.के.केशर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राज्य शासन ने यह माना है कि अधिकारियों ने हाथी को बचाने में ठीक से अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं किया, यह एक गंभीर लापरवाही है, इससे सरकार की छवि धूमिल हुई है और इसमें पूरी जिम्मेदारी प्रभारी वनमंडलाधिकारी डी.डी.संत की बनती है,
लिहाजा उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम-1965 के नियम-3 के तहत दोषी पाया गया है इसी नियम के तहत उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। वहीं सीसीएफ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि आपने घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुँचकर हाथी को दलदल से बाहर निकालने के अभियान में हिस्सा नहीं लिया, आपने किसी तरह का सहयोग नहीं किया, इस मामले में आपने भी गंभीर लापरवाही बरती है, लिहाज़ा आप इस मामले में 7 दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करें।
क्या हुआ था मादा हाथी के साथ
कोरबा जिले में पिछले 3 दिन से दलदल में फंसी मादा हाथी की आखिरकार मौत हो गई, मादा हाथी पिछले 38 घंटे से ज्यादा समय तक दलदल से बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रही थी, मामला कटघोरा वन परिक्षेत्र के कुल्हरिया गाँव का है, यहां दलदल में फंसी मादा हाथी पिछले 38 घंटे से संघर्ष कर रही थी, जिसे बचा पाने में वन विभाग नाकामयाब रहा और मादा हाथी की मौत हो गई।