
आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली में नगर पालिका द्वारा संचालित उच्चतर माध्यमिक शाला भवन का जीर्णोद्धार आरंभ हो चुका है। करीब 20 लाख रुपए की लागत से ऊपर के माले में कमरे बनाए जा रहे हैं , लेकिन यह फैसला किसी दुर्घटना को आमंत्रित ना करें यह चिंता सताने लगी है । हालांकि ठेकेदार द्वारा निर्माण के दौरान पूरी एहतियात बरती जा रही है, लेकिन लोग हैं कि सुरक्षा नियमों को मानने को तैयार ही नहीं।

जिस स्थान पर यह स्कूल भवन स्थित है, उसके दोनों ओर से सड़के गुजरती है। जिसे बांस के बैरिकेट्स लगाकर रोक दिया गया है साथ ही फ्लेक्स में निर्माण कार्य के दौरान सड़क का उपयोग न करने की हिदायत दी गई है। मजदूर ऊपर बने निर्माण को तोड़कर ऊपर से ही मलबा नीचे गिरा रहे हैं । लेकिन इसी दौरान स्कूली छात्रों के साथ आम नागरिक भी बेखटके इसी सड़क का इस्तेमाल कर रहे हैं। रास्ता बैरिकेड द्वारा रुका हुआ है, इसलिए लोग उसे लांघ कर गुजरते हैं। मजदूरों द्वारा बार-बार ऐसा करने से मना किया जाता है, क्योंकि अगर किसी के ऊपर मलबे के टुकड़े गिर गए तो फिर चोटिल होना तो तय है ।यहां तक कि जान भी जा सकती है। खासकर छोटे छोटे स्कूली बच्चे बार-बार इसी सड़क से गुजर रहे हैं।

मजदूरों का आधा समय तो इन्हीं को समझाने में गुजर रहा है। फिर भी लोग उनकी नहीं सुन रहे और बार-बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। मौके पर एक भी पुलिस का सिपाही ना होने से स्थिति चिंताजनक हो चुकी है । फिर भी कोतवाली पुलिस को इससे कोई सरोकार ही नहीं है। ना तो पुलिस के अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे हैं और ना हीं निचले स्तर के पुलिसकर्मी अधिकारियों की बातों को खास तवज्जो देते हैं । यही कारण है कि निर्माण कार्य तमाम बाधाओं के बीच जारी है। लेकिन असली चिंता यह है कि कहीं इसी वजह से कोई दुर्घटना न घट जाए। जिस तरह से ऊपर से मजदूरों द्वारा भवन को तोड़ने के बाद उनके टुकड़े गिराये जा रहे हैं, उससे दुर्घटना संभावित है। निर्माण के दौरान भी लोग न जाने क्यों कुछ घंटों के लिए इस सड़क का इस्तेमाल करने का मोह नहीं छोड़ पा रहे। इस मामले में बार-बार ध्यान आकर्षित कराने के बाद भी जिला प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही अधिकारी अपने दफ्तर में बैठकर सिर्फ आदेश जारी करते हैं लेकिन जमीनी स्थिति क्या है यह देखने तक की फुर्सत उन्हें नहीं है। इसलिए बहुत मुमकिन है कि उनकी नींद तभी खुलेगी जब यहां कोई हादसा घट जाएगा।
