
रतनपुर जुगनू तंबोली

रतनपुर- देश मे एक बार फिर लॉक डाउन के बढ़ने से सबसे बड़ी निराशा मजदूर वर्ग जो अन्य प्रांतों में फंसे हुए है उन्हें मिली है, उनके पास न तो रहने को छत है और न ही खाने को भोजन जो उम्मीद लगाए बैठे थे कि लॉक डाउन खत्म होते ही अपने घरों के लिए रवाना होंगे लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से देशवासियों को बचाने एक बार फिर लॉक डाउन की अवधि में इजाफा कर दिया गया, जिससे जैसे तैसे इतने दिनों से अन्य प्रांतों या जिलों में फंसे मजदूर मजबूर होकर अब अपनी जान बचाने घर के सफर पर निकल गए है, जो भूखे प्यासे होकर भी घर पहुँचने प्रयास में लगे हुए है।

बुधवार को ऐसे ही एक 48 मजदूरों का जत्था रतनपुर पहुँचा जो रायपुर से पैदल ही मध्यप्रदेश के अनुपपुर जाने यहाँ से गुजर रहा था, इस जत्थे में महिला पुरूष बच्चें सभी है, जो बेहाल थे जैसे ही इसकी जानकारी रतनपुर पुलिस एवं पालिका प्रशासन को लगी उन्होंने इनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाए और सहायता में जुट गए जिन्हें महामाया मंदिर ट्रस्ट के सहयोग से भोजन कराया गया। हालांकि की प्रशासन ने लॉक डाउन में जो जहाँ है वही रहने सख्त निर्देश जारी किए है, लेकिन ये लॉक डाउन का उल्लंघन कर अपने घरों के लिए निकले है जिन्हें शायद कोई सरकारी मदद नही मिली है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने ही नियम तय किये गए है सीमाओं को सील किया गया है, इसके बावजूद इन लोगों का ऐसा सफर करना सही नही है जो अपने साथ वायरस को भी प्रसारित कर सकते है, यह अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन्हें एक जगह पर ठहराकर उन्हें राहत सामाग्री उपलब्ध कराए ताकि उनका सफर यही रुक जाए,

और नियमों का उल्लंघन भी न हो और संक्रमण के फैलने का खतरा भी कम हो जाये।