
जुगनू तंबोली
रतनपुर – बुधवार को माँ महामाया माता को रानीहार, कंठ हार, मोहर हार,ढार,चंद्रहार समेत 9 प्रकार के हार,करधन, नथ धारण कराया गया, जहाँ राजश्री श्रृंगार के बाद मां की महाआरती हुई। गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र की नवमी पर बुधवार को रतनपुर माँ महामाया मंदिर में माँ महामाया का राजश्री श्रृंगार किया गया। प्रात:आरती और राजश्री नैवेद्य चढ़ाने के बाद ट्रस्ट द्वारा कन्या और ब्राम्हण भोज का आयोजन किया गया । कन्या, ब्राम्हण भोज के बाद दोपहर पूजन सामग्री के साथ पुजारी सभी ज्योति कलश कक्ष में प्रज्जवलित मनोकामना ज्योति कलश की पूजा अर्चना कर मंत्रोच्चार के साथ ज्योति विसर्जित की जाएगी।नवरात्रि की नवमीं तिथि को सुबह 6 बजे राजश्री श्रृंगार के बाद मंदिर का पट खोला गया। ट्रस्ट के ट्रस्टी सतीश शर्मा ने बताया कि माता को रानीहार, कंठ हार, मोहर हार,ढार,चंद्रहार,समेत 9 प्रकार के हार,करधन,नथ धारण कराया गया। राजश्री श्रृंगार के बाद मां महामाया की महाआरती हुई । पूजा अर्चना के बाद मां को राजश्री नैवेद्य समर्पित किया गया । आज दोपहर मंदिर परिसर में कन्या भोज हुआ । वही ब्राम्हण भोज का आयोजन में मंदिर के पुरोहितों समेत ब्राम्हणों को भोज कराया गया । कन्या और ब्राम्हण भोज के बाद ज्योति कलश रक्षकों को भोज कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान की गई।