
शनिवार को सोशल मीडिया पर यह खबर फैल गई कि कृमि नाशक और फाइलेरिया की दवा के सेवन से तखतपुर के पूरेना और आस-पास के गांव में बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और इनमें से 6 बच्चों की मौत हो चुकी है ,लेकिन यह खबर अफवाह साबित हुई
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति और फाइलेरिया उन्मूलन के तहत जिले में सभी स्कूली बच्चों को एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन कराया गया ।अभियान के तहत शुक्रवार को तखतपुर और सीपत क्षेत्र के स्कूलों में भी बच्चों को यह दवा खिलाई गई। दवा खाने के बाद बच्चे घर भी पहुंच गए, लेकिन शाम होने के बाद दवा के असर से कुछ बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। धीरे धीरे इलाके में यह खबर फैल गयी कि दवा की वजह से 40 से अधिक बच्चों की तबीयत खराब हो चुकी है। इस खबर से जिला प्रशासन के होश उड़ गए ।
बताया जा रहा है कि तखतपुर के ग्राम पुरैना की खुशबू बंजारे के बीमार होने की जानकारी सबसे पहले मिली। खुशबू शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में सातवीं कक्षा की छात्रा है। बताया जा रहा है की दवा के ही असर से उसे उल्टी होने लगी जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। सीपत के खैरा डगनिया क्षेत्र की एक और बच्ची आकांक्षा की भी तबीयत इन्हीं दवाओं के असर से बिगड़ने की बात सामने आई है । आकांक्षा 11 वीं कक्षा की छात्रा है। शुरूआती इलाज के बाद दोनों बच्चियों को रिम्स रेफर कर दिया गया। इधर यह खबर फैल गई की दवा के सेवन से अलग-अलग ग्रामीण इलाकों में 40 से ज्यादा बच्चे बीमार है , इससे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और बच्चों के सिम्स पहुंचने के बाद शनिवार रात को ही हालात का जायजा लेने कलेक्टर डॉ संजय अलग के साथ एसडीएम देवेंद्र पटेल सिम्स पहुंच गए। जब उन्हें वास्तविक स्थिति की पता चली तो दोनों ने राहत की सांस ली ,वहीं दोनों बच्चियों के बेहतर इलाज के निर्देश उन्होंने सिम्स के चिकित्सकों को दिए। इधर रविवार सुबह भी एक बच्चे को इलाज के लिए सिम्स लाया गया लेकिन उसकी स्थिति सामान्य पाने पर प्राथमिक उपचार के बाद उसकी छुट्टी कर दी गई ।
मौत की अफवाह ने उड़ाए होश
शनिवार को सोशल मीडिया पर यह खबर फैल गई कि कृमि नाशक और फाइलेरिया की दवा के सेवन से तखतपुर के पूरेना और आस-पास के गांव में बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और इनमें से 6 बच्चों की मौत हो चुकी है ,लेकिन यह खबर अफवाह साबित हुई ।ना तो बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़े हैं और ना ही इस वजह से किसी बच्चे की मौत हुई है ।अब तक केवल दो ही बच्चों के बीमार होने की पुष्टि हुई है ।
कलेक्टर ने की जांच की बात
रविवार को कलेक्टर डॉ संजय अलंग एक बार फिर बच्चों की स्थिति जानने सिम्स पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हजारों बच्चों में से किसी एक बच्चे में इस दवा की प्रतिक्रिया से बीमार पड़ने की संभावना होती है ,लेकिन फिर भी अगर दवा की गुणवत्ता पर किसी तरह का संदेह है तो इसकी जांच कराई जाएगी ।
बच्चों में कृमि होने की आशंका रहती है और फाइलेरिया भी एक बड़ी बीमारी है ।जिन से बचाव के लिए शासन स्तर पर यह दवाई दी जाती है। जाहिर है यह योजना बच्चों की बेहतरी के लिए है, लेकिन कभी-कभी दवा के रिएक्शन से कुछ बच्चे बीमार पड़ जाते हैं इससे पूरी योजना पर जिस तरह से प्रश्न चिन्ह लगने लगते हैं उससे योजना के क्रियान्वयन पर खासा असर पड़ता है । उस पर मौजूदा सोशल मीडिया अफवाह फैलाकर आग में घी डालने का काम करता है ।सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन का तकाजा यही है कि ऐसे अपवाद स्वरूप घटनाओं को बेवजह तुल ना देते हुए एक बेहतर उद्देश्य के लिए चलाई जा रही योजनाओं का प्रचार किया जाए, ना कि इस तरह से दुष्प्रचार कर उन बच्चों को इस महत्वपूर्ण दवा से वंचित किया जाए जिनके भविष्य के लिए यह दवा अमृत समान है।