
रतनपुर थाना क्षेत्र के दोना सागर का मामला

बिलासपुर, प्रवीर भट्टाचार्य
रतनजोत की खेती से ईंधन बनाने का सपना दिखाकर गांव में रतनजोत के पौधे लगाए गए थे ।अब भी गांव के अलग अलग हिस्सों में यहां वहां रतनजोत के पेड़ उग आते हैं । अज्ञानता और जिज्ञासावश अक्सर बच्चे इन बीजों को खाकर बीमार पड़ते हैं। एक बार फिर बिलासपुर जिले के दोना सागर में खेल खेल में 3 बच्चों ने रतनजोत का बीज खा लिया । बताया जा रहा है की 7 साल की राधिका बाई अपनी सहेली अंशु और राजेंद्र गौड़ के साथ सुबह 11 बजे खार घूमने गई थी ,जहां तीनों बच्चे बरगंडा के पेड़ से उसका फल तोड़कर घर की बाड़ी में ले आए ।जहां पर खेलते हुए तीनों मासूम बच्चों ने फल को छीलकर खाया ।इसके पश्चात तीनों बच्चों की स्थिति बिगड़ने लगी ।जब बच्चे घर लौटे तो उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और बच्चों ने उल्टी करना शुरू कर दिया पूछताछ में जब परिजनों को पता चला कि बच्चों ने रतनजोत का बीज खाया है तो राधिका बाई और राजेंद्र गोड़ को रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया यहाँ डॉक्टर ने बिना उपचार के बिलासपुर सिम्स रिफर कर दिया लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से परिजन बच्चे को एक निजी चिकित्सालय लेकर पहुंचे लेकिन चिकित्सक ने गंभीर अवस्था को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की सलाह दी ।मीडिया के दखल के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार किया और फिर उन्हें बिलासपुर सिम्स रेफर कर दिया गया। वहीं एक अन्य बच्चे अंशु गोड़ का इलाज ग्राम खैरा के पास के एक निजी अस्पताल में किया गया , जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई ।