
रमेश राजपूतबिलासपुर- लॉक डाउन में शासन के नियमों और निर्देशों को जनता तक पहुँचा और जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुँचाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकारों पर ही अब पुलिसिया रौब का इस्तेमाल किया जा रहा है, जहाँ पत्रकार होने की पहचान बताने के बाद तो और भी बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। यूँ तो प्रशासन और जनता के बीच सामंजस्य स्थापित करने का काम पत्रकार ही करते है लेकिन उन्हें इसका खामियाजा इस रूप में मिले तो भी कोई परवाह नही, क्योकि पत्रकार का तो काम ही यही है दुसरो की हक के लिए लड़ना चाहे इसके लिए उसे कोई भी कीमत क्यो न चुकानी पड़े। ताजा मामला सामने आया है गांधी चौक में चल रहे पुलिसिया चेकिंग के दौरान, जहाँ तैनात एक महिला कांस्टेबल द्वारा पत्रकार होने की पहचान बताने के बाद भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारों से बदसलूकी की गई, जिसमें यातायात पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी बराबर साथ दिया और पत्रकारों की समझाईश पर उल्टे उन्हें ही पत्रकारिता सिखाने लगे।
सिटी कोतवाली थाने में पदस्थ यह महिला कांस्टेबल तो इस हद तक पहुँच गई कि अगर उन्हें रोका नही गया होता तो वो डंडा चलाने से भी पीछे नही हटती। जब मौके पर पहुँचे अन्य पत्रकार साथियों ने मामले को शांत कराने की कोशिश की तो मौजूद ट्रेफिक विभाग के अधिकारी ने तो उनसे भी दुर्व्यवहार शुरू कर दिया जबकि सभी मौके पर व्यवस्था में सहयोग करने ही पहुँचे थे। चेकिंग के नाम पर जब पत्रकारों से ऐसा व्यवहार किया जा रहा है, उनके सम्मान को ठेस पहुंचाई जा रही है, तो आम जनता के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है, आम जनता भले ही ऐसे दुर्व्यवहार का विरोध करने का साहस न कर पाए लेकिन उनके लिए पत्रकार तो सामने आकर इस तरह की घटनाओं का विरोध जरूर करेगा, चाहे इसके लिए उन्हें बेइज्जती का सामना भले ही करना पड़े।
जिले में कोरोना वायरस के इस आपदा के समय में पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर मीडिया ने बेहतर तरीके से समस्याओं को सुलझाया है और बेहतर सामंजस्य स्थापित कर व्यवस्था बनाने में सहयोग किया है, बावजूद इसके पत्रकारों और आम जनता के साथ दुर्व्यवहार और बदसलूकी किसी भी लिहाज से लायक नही है। पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को ऐसे मामलों में संज्ञान लेते हुए निश्चित तौर पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि पुलिस, प्रशासन और जनता के बीच सामंजस्य बनाने की भूमिका निभाने वाले पत्रकार ससम्मान अपना दायित्व निभा सके और इस वैश्विक आपदा के दौर में सुचारू रूप से अपने अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके।