
बिलासपुर– महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही मे एक अनूठी पहल प्रारम्भ की गई है। जिले में पहली बार महिला स्व-सहायता समूहों को अब आश्रम, छात्रावासों में राशन व अन्य जरूरी सामान सप्लाई करने का जिम्मा मिला है। नवगठित जिले के 79 आश्रम-छात्रावासों में राशन व अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री सप्लाई का काम महिला समूहों को दिया गया है, कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी के मार्गदर्शन में विगत दिवस ग्राम बढ़ावनडांड में आयोजित समारोह में जिले में महिला समूहों के जरिए पहली बार आश्रमों-छात्रावासों में सामग्री भेजी गई। भगवती महिला स्व-सहायता समूह ग्राम बढ़ावनडांड़ द्वारा 11 आश्रम-छात्रावासों को जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई गई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक अभिनव प्रयास है। जिले की महिलाओं के सशक्त होने से नवगठित जिला तीव्र गति से विकास की ओर अग्रसर होगा। उन्होंने स्व-सहायता समूह की महिला सदस्यों से बातचीत की तथा समूह की महिलाओं को बधाई देते हुए उत्कृष्ट तरीके से अपने दायित्वों को निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिले में महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण पहल है।
समूह द्वारा गौरेला, पेण्ड्रा, मरवाही में बच्चों के नाश्ता और भोजन के लिये राशन सामान सहित तेल, साबुन, टूथपेस्ट जैसी दैनिक उपयोग की सामाग्री भेजी गई। इस नवीन व्यवस्था से अब दुकान या बाजार में जाकर राशन एवं अन्य जरूरी सामग्रियों की खरीदी नहीं करनी पड़ेगी। महिला स्व-सहायता समूह द्वारा सामग्री की आपूर्ति करने से समय की बचत होगी। आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित विकासखंड गौरेला के 35 छात्रावास, आश्रमों में विभिन्न दुकानों से खाद्य तथा दैनिक उपयोग की सामग्री क्रय कर उपयोग की जाती थी जिससे सामग्री का मूल्य अलग-अलग होने के साथ साथ गुणवत्ता भी एकसमान नहीं थी। छात्रावासों और आश्रमों मे निवासरत छात्र-छात्राओं को उत्तम गुणवत्ता की सामग्री उचित मूल्य एवं समय पर उपलब्ध कराने हेतु गौरेला ट्रायबल मार्ट के रूप में अनूठी पहल कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी के दिशानिर्देश पर की गई है।