
डेस्क
आज पूरे विश्व मे जल की आपूर्ती, विशेषकर पीने योग्य पानी की समस्या एक विकराल रूप धारण करती जा रही है । अनेक प्राकृतिक कारणों से एवं भौतिक कारणों से हमारे जल के श्रोत या तो समाप्त हो रहे है या फिर दूषित होते जा रहे है। जल संकट की ऐसी विकट स्थिति मे जल का संरक्षण और संग्रहण जीवन का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य हो गया है । जिसे हमें व्यक्तिगत रूप से हो या संस्थागत रूप से हो, पूरी करनी ही पड़ेगी । ऐसे समय मे दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा जल प्रबंधन के लिए बहुत कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाये गए है । जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एवं धरातल के अंदर के जल के स्तर बढ़ाने के लिए कार्यालय भवनों में विशेषकर नए कार्यालय भवनो के छ्तो मे बारिश के पानी को संग्रहण करने के लिए भवनों की छटों से एकत्रित किए गए जालों को एक मोटे रेत, बजरी एवं पत्थर की परतों से बना जमीन के अंदर प्रवेशक स्तर तक गड्ढे खोदकर उन गड्ढों मे बारिश का पानी अवशोषित कराई जाती है, ताकि भूमि के अंदर के जल का स्तर बढ़ सके और जरूरत पड़ने पर उसे उपयोग मे लाया जा सके। इसके अलावा अलग अलग प्रकार के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसे सीवेज़ वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इफ़्लुएंट वाटर ट्रीटमेंट प्लांटवेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि बनाकर उसी जल को रीसायकल करते हुए एक बार उपयोग किये गए पानी को कई बार उपयोग किया जा रहा है । इसके साथ ही साथ जल के बारे में बार-बार वाटर आडिट करते हुए जाल संरक्षण एवं जल संचयन को हर कीमत पर बढ़ावा दिया जा रहा है । दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे मे इस प्रकार के जल संग्रहण प्रणाली लागू करने के परिणाम स्वरूप भूजल स्तर मे काफी धनात्मक प्रभाव पड़ रहा है, कम से कम जल में अधिक से अधिक कार्य किया जा रहा है ।
भूमिगत जल स्तर को बढाने के लिए विभिन्न स्थानों में रेलवे परिक्षेत्र के अनेक जगहों पर तालाब बनाए गए है, और अनेक जगहों पर तालाब बनाए जा रहे है । कुछ बने हुए तालाबों को समुचित रखरखाव करते हुए उनमें भी जल संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। जल के संरक्षण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे द्वारा रिनोवेट किये गए तालाबो का विवरण इस प्रकार है –
2016-17 बिलासपुर मंडल में -3 – मनीन्द्रगढ़, उमरिया एवं बिलासपुर के
मरीमाई मंदिर के पास रायपुर मंडल में 2 – बी.एम्.वाई. एवं लाखोली नागपुर मंडल में 3 – सुक्रीमंगला, डोंगरगढ़ एवं नैनपुर । 2017-18 बिलासपुर मंडल में -2 – MTDC एवं चुचुहियापारा । नागपुर मंडल में 4 – आमगांव, तीरोडी, मुल्मारोड़ 2018-19 रायपुर मंडल में 5- बालोद, गुंडरर्देही, अभनपुर, सिकोरा, एरागुडा ।नागपुर मंडल 2 – कुसुम्कसा, रिसामा ।
2019-20बिलासपुर मंडल में -4 – उमरिया फ़िल्टर हाउस के पीछे, नैला, शहडोल, बिश्रामपुर । रायपुर मंडल में 2 – पी.पी.यार्ड,एवं भिलाई जी केबिन।इसके अतिरिक्त बिलासपुर के कोचिंग काम्प्लेक्स एवं बहुविभागीय प्रशिक्षण संस्थान लोको कालोनी में एक 300 x 30 मीटर= 9000 का एक नया तालाब बनाने का कार्य भी प्रगति पर है । जिसके बन जाने से वर्षा जल से ही बिलासपुर कोचीन काम्प्लेक्स की जरूरते बहुत हद तक पूरी की जा सकेगी और भूमिगत जल उपयोग किफायती ढंग से किया जा सकेगा ।