
गुरुवार की बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हैं, जिन पर संभव है कि नवरात्र के दौरान अमल किया जाएगा

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
शक्ति आराधना के सबसे बड़े महापर्व नवरात्र का आरंभ आगामी 6 अप्रैल से होने जा रहा है ।इस मौके पर जहां अंचल के सभी देवी मंदिरों में श्रद्धा के जोत जलेंगे वही सबसे बड़ा आयोजन होगा सिद्ध शक्तिपीठ रतनपुर महामाया मंदिर में। देश के चुनिंदा शक्तिपीठों में से एक मां महामाया के दरबार में चैत्र नवरात्र पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा आराधना के लिए पहुंचते हैं। इसलिए महामाया ट्रस्ट के साथ प्रशासनिक जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। हर बार की तरह ट्रस्ट के साथ मिलकर जिला और पुलिस प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है ।इसी कड़ी में गुरुवार को मंदिर परिसर में आयोजित बैठक में कलेक्टर डॉक्टर संजय अलंग के साथ एसपी अभिषेक मीणा भी शामिल हुए ।इन दिनों मंदिर में साफ-सफाई ,रंग रोगन और साज सज्जा का काम चल रहा है ।अधिकारियों की बैठक लेते हुए नवरात्र महोत्सव को व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने पर जोर दिया गया, ताकि दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा ना हो और उस दौरान यहां चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था हो। बैठक के दौरान कलेक्टर डॉक्टर संजय अलंग ने सीएमओ हरवंश सिंह ठाकुर को निर्देश दिया कि नवरात्रि के दौरान पूरी मंदिर परिसर में स्वच्छता बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी होगी।

एक महत्वपूर्ण सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि नवरात्र के दौरान वर्मी कल्चर कंपोस्ट बनाकर उसके पैकिंग तैयार कराएं और महामाया ब्रांड का नाम देकर उसे बाजार में लाएं। पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्होंने मंदिर ट्रस्ट को भी निर्देश दिया कि आगामी नवरात्रि में भंडारे के लिए चूल्हों में लकड़ी का उपयोग ना करते हुए एलपीजी का इस्तेमाल करें। नवरात्रि के दौरान मंदिर परिसर में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग और अन्य विभागों के स्टॉल भी लगेंगे, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में श्रद्धालुओं की मदद की जा सके। गर्मी का मौसम होने से पेयजल की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है ,इस पर भी ध्यान देने की बात कही गई है ।इस बार महामाया चौक से पैदल यात्रियों को प्रवेश देने के लिए बैरिकेट्स हटाने के भी सुझाव सामने आए हैं ।वीआईपी दर्शन के लिए पास की व्यवस्था की गई है। साथ ही दिव्यांग दर्शनार्थियों के लिए भी ट्रस्ट द्वारा अलग से व्यवस्था की गई है। गुरुवार की बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव सामने आए हैं, जिन पर संभव है कि नवरात्र के दौरान अमल किया जाएगा।