
रमेश राजपूत

बिलासपुर – समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके कारण वातावरण खराब होता है पर ये लोग समझने को तैयार नही इन्हें तो बस कुछ ऐसा करना है जिससे माहौल खराब हो। एक ताजा मामले में वसीम रिजवी नामक एक व्यक्ति की किताब के चलते मुस्लिम समाज काफी आक्रोशित है मुस्लिम समाज के लोगों का आरोप है कि वसीम रिजवी नामक व्यक्ति ने हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु ताला अलेही वसल्लम के खिलाफ झूठी और मनगढ़त पुस्तक प्रकाशित की है,जिससे मुस्लिम समाज को न केवल दुख पहुंचा है बल्कि देश के आपसी भाईचारा व अनेकता में एकता की भावना को संप्रदायिकता का रंग देने का काम किया है।
अपने बयानों के चलते रिजवी कई बार विवादों में घिरे हैं और उन पर इस्लाम-विरोधी होने का आरोप भी लगा है। इस्लामी इमामों के द्वारा उन्हें इस्लाम से खारिज़ भी कर दीया गया है। वही शुक्रवार को देश के साथ ही बिलासपुर के मुस्लिम समाज ने ईदगाह चौक से नेहरू चौक शांति जुलूस निकाल और कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने पुस्तक को तत्काल प्रतिबंधित करने की मांग करते हुए कहा है कि वसीम रिजवी के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की है।इस दौरान सैय्यद ज़ाहेर आगा, मुफ़्ती मोईन अशरफ़ी,कारी बशीर, हाफिज़ ओवैस रज़ा, कारी गुलाम ईशा रेहान रज़ा, निज़ामुद्दीन दुलारे,मक़बूल अली, ख़ालिद खान,दानिश खान,आदिल खान, नफ़ीस खान ,अख्तर खान, साथ ही मुस्लिम समाज के लोग मौजूद रहे।
वसीम रिजवी के खिलाफ एफआईआर
हैदराबाद पुलिस ने उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी और उनके सहयोगियों के खिलाफ कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने और पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की शिकायत पर कमातीपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। रिजवी और उनके सहयोगियों के खिलाफ धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय-एकता के लिए हानिकारक आरोप, दावे), 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 505 (1) सी (किसी भी वर्ग या समुदाय को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ कोई अपराध करने के लिए उकसाने के इरादे से किसी भी बयान, अफवाह या रिपोर्ट को प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
