
रमेश राजपूत
बिलासपुर- हिर्री थाना क्षेत्र में मेड़पार पंचायत में गांव के 70 से अधिक गायों को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया गया जिससे लगभग 50 से अधिक गायों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद अधिकारियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई है कुछ दिन पहले ही प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल के द्वारा अपनी महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई गई थी और अधिकारी इस योजना को ही बट्टा लगा रहे है। गोधन न्याय योजना, नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी जैसी योजना का मूल मकसद ही गोधन का संरक्षण करना है।
उन्हें सड़को में न छोड़कर गौठान में रखना और उनको उचित चारा पानी तथा स्वास्थ्य की सेवा प्रदान करना है, लेकिन प्रदेश में घटी इस पहली घटना ने ही योजना के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में कृषि और गौवंश की मुख्य भूमिका है, बावजूद ऐसी बड़ी लापरवाही जिसमें मूक मवेशियों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है, अब इसके जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है। मामले में बिलासपुर जिला कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने दोषियों के खिलाफ़ एफआईआर और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है वहीं पशु मालिकों को उचित मुआवजा देने भी आदेश किया गया है।
प्रदेश में घटित इस बड़ी घटना को गंभीरता से लेते हुए राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास ने वस्तुस्थिति का जायज़ा लिया हैै और आयोग केे द्वारा जांच किए जाने की बात कही है इसके अलावा आयोग की टीम को मौके पर जांच के लिए रवाना कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए बिंदु तय किए गए जिसके लिए पुलिस प्रशासन जुट गया है वही ग्रामीणोंं से तथ्योंं की जानकारी ली जा रही है,
फिलहाल मृत गायों के शरीर को अंतिम संस्कार के लिए भेजा जा रहा वही गंभीर रूप से बीमार गायों की उपचार की व्यवस्था करते हुए उन्हें दूसरी जगह सुरक्षित रखने व्यवस्था की जा रही है।