
उदय सिंह
आज भी अधिकांश अपराधों के पीछे शराब ही जिम्मेदार होता है। प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आई सरकार भी शराबबंदी की बात भूल चुकी है और इसी शराब की वजह से एक और जान चली गई। शराब के नशे में दोस्त भी कब दुश्मन बन जाए कहना मुश्किल है। विश्वकर्मा जयंती पर 2 मजदूर दोस्त आपस में शराब पीने बैठे थे और फिर एक दूसरे का कत्ल करके ही उठा। मामला कोनी थाना क्षेत्र के गतौरी गांव का है । यहां रहने वाला प्रफुल्ल लोनिया और छोटू साहू गहरे दोस्त थे। मंगलवार को छोटू प्रफुल्ल के घर पहुंचा और दोनों शराब पीने के लिए गतौरी चौक चले गए। फिर दोनों साथ में बैठकर शराब पीने लगे। इसी दौरान बातचीत में दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। शराब के नशे की वजह से दोनों का गुस्सा आसमान पर था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विवाद के बाद प्रफुल्ल ने छोटू साहू को एक थप्पड़ मार दिया। इससे आगबबूला होकर छोटू साहू ने प्रफुल्ल के सर पर पास ही मौजूद लकड़ी से कई वार किए। इस हमले से प्रफुल्ल जमीन पर गिर गया । जिसके बाद भी छोटू साहू उस पर लगातार वार करता रहा। नशे की हालत में दोनों चीख-पुकार करते रहे, जिसे सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तो वारदात को अंजाम देकर छोटू साहू फरार हो गया। वही इस हमले में प्रफुल्ल की जान चली गई। दोनों गहरे दोस्त थे और आपस में सेलिब्रेट करने के लिए शराब पीने बैठे थे, लेकिन शराब का नशा है ही इतना खतरनाक कि इसका सुरूर चढ़ने के बाद फिर दोस्त और दुश्मन का फर्क ही किसे याद रहता है। इधर अपने दोस्त की हत्या करने वाले छोटू साहू का दावा है कि अगर वो प्रफुल्ल को नहीं मारता तो प्रफुल्ल उसे मार देता। हैरानी इस बात की है कि अगर दोनों के बीच इतनी ही गहरी दुश्मनी थी तो फिर दोनों साथ में शराब पीने गए ही क्यों ? असल में शराब के नशे में उठाए गए इस कदम को जस्टिफाई करने के लिए ही अब छोटू मनगढ़ंत बहाने बना रहा है। फिलहाल कोनी पुलिस मामले में कार्यवाही कर रही है।