
डेस्क

पिछले सोमवार से आरंभ गणेश चतुर्थी में अब विसर्जन का दौर आरंभ हो चुका है । 1 दिन 3 दिन 5 दिन और 7 दिन विस्थापित होने वाले गणपति लगातार विसर्जित हो रहे हैं । वही इस रविवार को बड़ी संख्या में सार्वजनिक समितियों के सदस्य गणेश प्रतिमाएं विसर्जित करने तोरवा छठ घाट पहुंचे। हर वर्ष विसर्जन के मद्देनजर यहां व्यापक तैयारियां की जाती है । घाट पर रोशनी की व्यवस्था के अलावा सुरक्षा इंतजाम के तहत गोताखोर और पुलिस की तैनाती की जाती है , लेकिन इस रविवार को यहां ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आई । यहां नगर निगम द्वारा रोशनी की व्यवस्था तक नहीं की गई है। पूरा छठ घाट अंधेरे के आगोश में है धुप्प अंधेरे में लोग वाहनों की रोशनी में प्रतिमाएं विसर्जित कर रहे हैं। इन दिनों एक बार फिर अरपा नदी में उफान देखा जा रहा है । पहाड़ी इलाकों में बारिश होने से अरपा नदी लबालब है और ऐसे में प्रतिमा विसर्जन के दौरान किसी के भी डूब जाने या फिर बह जाने की आशंका बनी रहती है। अंधेरा होने से ऐसी संभावनाएं और बढ़ जाती है, लेकिन फिर भी जिला प्रशासन और नगर निगम की ऐसी लापरवाही हैरान कर रही है ।

इस रविवार को बड़ी संख्या में लोग प्रतिमाएं विसर्जित करने छठ घाट पहुंचे । दिन में पहुंचने वालों को तो खास दिक्कत नहीं हुई लेकिन शाम के बाद जो लोग यहां प्रतिमा विसर्जित करने पहुंचे, उन्हें अंधेरे और अव्यवस्था के कारण उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिला प्रशासन जानती है कि बिलासपुर में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन केवल 1 दिन नहीं होता, इसलिए जरूरी था कि वह अन्य दिनों के लिए भी व्यवस्था करती।
