
नए पंप को चालू करने के साथ ही अगर मेन लाइन से, इस गली के वाटर सप्लाई लाइन को अलग कर लिया जाता तो फिर उन्हें भी लोगों के आक्रोश का इस कदर सामना नहीं करना पड़ता
बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
गर्मी के इस मौसम में एक दिन भी अगर नल में पानी ना आए तो घर की पूरी व्यवस्था ,अव्यवस्थित हो जाती है। इसलिए सोच सकते हैं कि जिस मोहल्ले में पिछले करीब 2 महीने से पानी की सप्लाई सुचारू नहीं है, वहां लोगों की जिंदगी ,रोज किन मुश्किलों से दो चार हो रही होगी । बिलासपुर के सबसे पुराने मोहल्लों में से एक, वार्ड क्रमांक 29 ,संत रविदास नगर ,शांति लॉज गली में मौजूद दो बोरवेल इस साल जनवरी महीने में ही फेल हो चुके हैं। जिसके बाद से लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। नगर निगम द्वारा जिन 22 नए बोरवेल का खनन किया गया है उनमें से एक कर्बला क्षेत्र के इस वार्ड में भी हुआ है, लेकिन बोरवेल खनन के बाद भी उसमें सबमर्सिबल पंप डालने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। चुनावी आचार संहिता की वजह से वर्क आर्डर जारी नहीं हो पा रहा था इसलिए करीब 2 महीने लग गए इस पंप को चालू करने में।
लेकिन पंप के चालू होने के बाद भी यहां समस्या जस की तस है ।लोगों की शिकायत है कि नया बोरवेल खनन और उसे आरंभ करने के बाद भी घरों में पानी नहीं आ रहा। हालात पहले जैसे ही है। लोगों को पानी के लिए यहां वहां भटकना पड़ रहा है । पास ही मौजूद देवांगन सामुदायिक भवन से कुछ दिनों तक लोगों की जरूरत पूरी हुई, लेकिन इस भीषण गर्मी में वहां से भी पानी मिलना बंद हो गया । जिससे लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।
लोगों का आरोप है कि जब भी इस समस्या की शिकायत वार्ड के पार्षद बबलू पमनानी से करते हैं तो वह समस्या का ठीकरा नगर निगम के अफसरों पर फोड़ देते हैं, ठीक इसी तरह नगर निगम के अफसर, वार्ड के पार्षद को इसके लिए दोषी ठहराते हैं। इन दोनों की लड़ाई में वार्ड के लोग पीस रहे हैं । करीब 2 महीने से जल संकट से गुजर रहे शांति लॉज गली के लोगों की जरूरत को पूरा करने पानी के टैंकर भेजे जाते हैं, लेकिन टैंकर भी नियमित रूप से नहीं भेजे जा रहे, जिस वजह से भी लोगों की समस्या कम नहीं हो रही। लंबे वक्त से पानी की समस्या से जूझने के कारण यहां के बाशिंदों ने समस्या का निराकरण ना होने की स्थिति में लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ही ऐलान कर दिया है।
असल में यहाँ समस्या कुछ और ही है। यह सही है कि इस साल के जनवरी महीने में पुराने बोर फेल हो चुके हैं। जिसके बाद यहां 300 फीट गहरा नया बोरवेल खोदा गया, जिसमें पर्याप्त पानी भी है। यहां करीब 5 एचपी का पंप लगाया गया है, लोग लोगों का आरोप है कि बोरवेल में पानी नहीं है, और है तो पंप की क्षमता कम है , जिस वजह से घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा। लेकिन सच्चाई यह नहीं है । असल में जिस वक्त यहां बोरवेल फेल हो गए थे, उस समय लोगों की जरूरत पूरा करने यहां की सहायक सप्लाई लाइन को मुख्य सप्लाई लाइन से जोड़ दिया गया था, ताकि घरों तक पानी पहुंच सके ।कुछ समय पहले जब नए बोरवेल को आरंभ किया गया तो निगम के अधिकारी मेन लाइन के साथ जुड़े कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करना भूल गए । जिस वजह से नए बोरवेल से निकला पानी का अधिकांश हिस्सा मेन लाइन में चला जा रहा है । मेन लाइन के साथ जुड़े होने की वजह से सहायक सप्लाई लाइन में फ़ोर्स नहीं बन रहा है, जिस कारण से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। इसकी जानकारी ना होने से लोग अपने स्तर पर तरह तरह के कयास लगा रहे हैं ।
फिलहाल हमसे बातचीत होने के बाद नगर निगम के अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि वे सोमवार को मेन लाइन से कनेक्शन को डिस्कनेक्ट कर देंगे, जिसके बाद यहां की व्यवस्था पटरी पर लौट आएगी। जाहिर है, अधिकारियों की गलती की वजह से लोगों को इस गर्मी में पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है । हैरानी इस बात की है कि वार्ड के पार्षद होने के नाते बबलू पमनानी ने भी इस दिशा में कोई ठोस कोशिश नहीं की। अगर वे इमानदारी से कोशिश करते तो यह समस्या आती ही नहीं। नए पंप को चालू करने के साथ ही अगर मेन लाइन से, इस गली के वाटर सप्लाई लाइन को अलग कर लिया जाता तो फिर उन्हें भी लोगों के आक्रोश का इस कदर सामना नहीं करना पड़ता।