
भुवनेश्वर बंजारे

बिलासपुर – कोरोना मुक्ति के ख़्वाब सजाए न्यायधानी वासियो के सपने चकना चूर होते नजर आ रहे है। प्रदेश के अन्य जिलों की तरह ही बिलासपुर में भी शनिवार को एकाएक मरीजो की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। शनिवार को आए पॉजिटीव मरीजो में सिम्स की जूनियर डॉक्टर के साथ तखतपुर, मस्तूरी के मरीज शामिल है। आपको बता दे जिले में देर रात 8 नए मामले सामने आए है। जिसमे ग्राम सकर्रा, गीतांजलि नगर कश्यप कालोनी, ग्राम गतौरा, मसानगंज, बिरकोना, अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के कोरोना मरीज शामिल है। आपको बता दे शहर में लंबे समय बाद मजदूरों के अलावा किसी अन्य को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में लिया है। जिसे देख फिलहाल कोरोना संकट से न्यायधानी वासियो की मुसीबत कम होती नजर नही आ रही है। फ़िलहाल सभी मरीजों को संभागीय कोविड 19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहाँ उनका उपचार किया जाएगा।
एक ही युवक की रिपोटिंग हुई दुबारा संख्या में हुआ फेरबदल..

कोरोना संक्रमितों की रिपोर्ट में शनिवार को रायपुर से दोबारा पॉजिटीव रिपोर्ट एम्स से भेजी गई। जिस वजह से घन्टो स्वास्थ्य विभाग में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार सकर्रा निवासी 32 वर्षीय युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव मिल चूंकि थी। जिसका इलाज भी बिलासपुर के कोविड 19 हॉस्पिटल में चल रहा था। जिसकी तबियत बिगड़ने पर उसे शुक्रवार को एम्स रैफर किया गया था। इसके बावजूद शनिवार को उसी मरीज की रिपोर्ट पॉजिटीव भेज दी गई। ऐसे में शनिवार को जिले में मरीज की संख्या 9 हो गई लेकिन वास्तविकता में ये 8 ही है। जिसकी एक वजह यह भी है कि क्वारंटाइन सेंटर से अलग और सिम्स से अलग दो बार सैम्पल भेजा गया था, शायद इसीलिए आंकड़े में गलती हुई होगी।
मस्तूरी में मिले संक्रमित दंपत्ति नही ठहरे थे क्वारंटाइन सेंटर में..

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुणे से लौटे गतौरा निवासी 25 वर्षीय पति और 23 वर्षीय पत्नी 19 मई को सिम्स के ओपीडी पहुँचे थे। उसके बाद उनका जांच सैंपल लिया गया था। इस मामले में सिम्स के अधिकारियों के अनुसार उन्हें सिम्स के आईपीडी में एडमिट नही किया गया था। ऐसे में वह अचानक ही मस्तूरी क्षेत्र के अपनी रिश्तेदार के यहाँ जाकर ठहरे थे। बताया जा रहा है। वह शुक्रवार को क्वारंटाइन सेंटर के आसपास देखे गए थे। जिनकी रिपोर्ट शनिवार को पॉजिटीव आई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जबकि इस मामले में सिम्स प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के अमले के ऊपर कई सवाल खड़े हो रहे है। कि आखिर वह दंपती बिना किसी जानकारी के कहा कहा गए थे? क्या इसकी भनक स्वास्थ्य विभाग को नही थी? वह कितने लोगों के संपर्क में आए होंगे? अब इन सभी मसलों को सुलझाने स्थानीय पुलिस की मदद ली जा रही है।