
डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान को सफल करने के मकसद के साथ एक बार फिर बिलासपुर नगर निगम द्वारा प्लास्टिक थैलों के खिलाफ इस बुधवार को कार्यवाही की गई । नगर निगम का अमला शनिचरी बाजार क्षेत्र में पहुंचा और यहां प्लास्टिक थैलियां इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्यवाही की । इससे पहले भी कई बार प्लास्टिक थैलों की जब्ती और चेतावनी दी गई है। अमानक स्तर की प्लास्टिक थैलियों से बढ़ते प्रदूषण के चलते नगर निगम द्वारा यह कार्रवाई की गई। लाख चेतावनी के बाद भी फल विक्रेता , मछली और मुर्गा, मटन बेचने वाले धड़ल्ले से 20 माइक्रोन से कम मोटाई की प्लास्टिक पॉलिथीन थैलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वही शनिचरी बाजार क्षेत्र में ही ये आसानी से उपलब्ध भी है। बुधवार की कार्यवाही में जेपी मुर्गा वाला , नानकुन केवट मछली वाला , साईं कृपा फिश सप्लायर के अलावा प्लास्टिक सामान और फल ठेलो पर कार्रवाई करते हुए सब पर पांच -पांच सौ रुपये का जुर्माना ठोका गया। 7 लोगों पर कार्रवाई करते हुए 3500 रु का जुर्माना वसूला गया और प्लास्टिक थैलियों की जब्ती की गई। नगर निगम द्वारा लगातार प्लास्टिक थैलियों पर कार्यवाही की जा रही है और इन्हें इस्तेमाल करने वालों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि अगर सरकार को यह लगता है कि यह पॉलिथीन बैग, पर्यावरण के लिए खतरा है, तो फिर इसका इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की बजाय अगर उत्पादकों पर ही सीधी कार्यवाही की जाए और इसका उत्पादन ही बंद करवा दिया जाए तो फिर ऐसी छुटपुट कार्यवाही की जरूरत नहीं पड़ेगी।
हैरानी इस बात की भी है कि नगर निगम को यह तो लगता है की मछली वालों और फल वालों द्वारा दिए गए पॉलिथीन बैग से प्रदूषण फैलता है लेकिन जब बड़े-बड़े संस्थान और मल्टीनेशनल कंपनियां अपने उत्पाद ऐसे ही पॉलिथीन बैग में भर कर बेचते है तो उससे पर्यावरण निखर जाता है। ऐसे पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की वजह से ही अभियान सफल होता नहीं दिख रहा। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लास्टिक मुक्त भारत के सपने को सचमुच साकार करना है तो फिर चोट जड़ पर करना होगा। यानी पूरी तरह से इसके उत्पादन पर ही रोक लगानी होगी, अन्यथा गरीब दुकानदारों पर कार्यवाही करने से सिर्फ आक्रोष पनपेगा, सफलता नहीं मिलेगी।