
रमेश राजपूत
तखतपुर – छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पाली से बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने हर संवेदनशील दिल को झकझोर कर रख दिया। पाली चौक पर सड़क किनारे एक लगभग 6 महीने का दुधमुंहा बच्चा लावारिस हालत में पाया गया। स्थानीय लोगों ने जब उस मासूम की रोने की धीमी आवाज सुनी तो उन्हें अंदेशा हुआ कि कोई बच्चा मुसीबत में है। आवाज की दिशा में बढ़ने पर राहगीरों ने देखा कि एक नवजात शिशु कपड़े में लिपटा हुआ सड़क किनारे पड़ा था और जोर-जोर से रो रहा था। घटना की सूचना तत्काल जूना पारा चौकी पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी संजीव सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। बच्चे की हालत देख पुलिस कर्मियों की भी आंखें नम हो गईं। भूख से बिलखते बच्चे को तुरंत बोतल से दूध पिलाया गया और प्राथमिक उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बाद में उच्चाधिकारियों को सूचित कर बच्चे को बिलासपुर स्थित एडॉप्शन सेंटर भेज दिया गया, जहां फिलहाल उसकी देखरेख की जा रही है। पुलिस ने इस अमानवीय कृत्य को गंभीरता से लेते हुए अज्ञात माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है। आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि बच्चे को छोड़ने वाले दोषियों तक पहुंचा जा सके। संदेह है कि माता-पिता ने जानबूझकर बच्चे को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया। यह घटना न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करने वाली है बल्कि समाज में मां-बाप की जिम्मेदारियों और नैतिकता पर भी सवाल उठाती है। शास्त्रों में मां को भगवान का दर्जा दिया गया है, कहा जाता है कि मां अपनी संतान के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। लेकिन इस कलयुग में ममता की मूरत मानी जाने वाली मां ही अपने कलेजे के टुकड़े को सड़क पर मरने के लिए छोड़ जाए, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है?
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश है। फिलहाल बच्चा सुरक्षित है और बाल कल्याण समिति के निगरानी में रखा गया है। पुलिस की जांच जारी है। प्रशासन भी इस बात को लेकर गंभीर है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।