
रमेश राजपूत
बिलासपुर – जिले के चर्चित संजू त्रिपाठी हत्याकांड में संलिप्त फरार 5 शूटरों में से एक को उत्तरप्रदेश पुलिस से समन्वय स्थापित कर बिलासपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया है जिसे ट्रांजिट रिमांड पर बिलासपुर लाया गया है। शनिवार को बिलासपुर पुलिस ने प्रेसकांफ्रेस आयोजित कर इसकी जानकारी साझा की है। जहाँ बताया गया कि प्रकरण के आरोपी कपिल त्रिपाठी एवं 18 अन्य द्वारा एक राय होकर अपराधिक षडयंत्र कर सकरी खनिज बैरियर के पास बायपास रोड पर मृतक संजू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या की गई है।
विवेचना के दौरान प्रकरण के आरोपी कपिल त्रिपाठी एवं अन्य 18 को गिरफ्तार किया जा चुका है, प्रकरण के शूटर्स आरोपी 01. दानिश अंसारी उम करीब 32 साल नि ० बनारस उप्र ० 02. एजाज अंसारी उर्फ ऐज उर्फ सोनू उम्र करीब 35 साल नि ० बनारस उप्र ० 03 विनय द्विवेदी उर्फ गुरूजी उर्फ वासू सिंह उम्र करीब 23 साल नि ० मानिकपुर उप्र 0 04. ताबीज अंसारी उर्फ इरफान अहमद पिता महफूज अहमद उम्र करीब 28 साल नि ० ग्राम मउपारा देवकाली सैदपुर गाजीपुर उप्र ० घटना के बाद से फरार है । प्रकरण में फरार आरोपियो की पतासाजी के लिए पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार पुलिस टीम को लखनउ उत्तरप्रदेश रवाना किया गया था ।
जो दिनांक 17.03.2023 को प्रकरण के फरार आरोपी संदीप यादव उर्फ पप्पू दाड़ी को थाना बक्शी की तलाश लखनउ उत्तर प्रदेश पुलिस से समन्यवय स्थापित कर गिरफ्तार किया गया है, जिस आरोपी को ट्रांजिट रिमांड लेकर आरोपी के कथन के आधार पर जप्तशुदा एक नग लोहे का बटनदार चाकू जप्त किया गया है । यह आरोपी द्वारा फायरिंग के घटना क्रम का खुलासा करते हुये बताया कि वह वर्ष 2006 से लगातार हत्या लूट डकैती के अपराधो में संलग्न रहा है । जिससे उप्र ० पुलिस इसकी लगातार तलाश कर रही है । फरारी के दौरान कलकत्ता में छिपकर रह रहा था । इसी दौरान इसका साथी सोनू उर्फ एजाज अंसारी घटना कारित करने के लिये बिलासपुर बुलाया तो यह 11 दिसंबर 2022 को बिलासपुर पहुंचा और कपिल त्रिपाठी के फार्म हाउस में अन्य आरोपियों के साथ मिलकर घटना करने की योजना बनाये तथा घटना स्थल का रैकी किये ।
हत्या करने के एवज में प्रत्येक शूटरो को दो – दो लाख रूपये कपिल त्रिपाठी देने की बात किया था । घटना दिनांक को सभी आरोपी वाहनो में सवार होकर घटना स्थल पहुंचे और संजू त्रिपाठी की गोलीमारकर हत्या करने के बाद उत्तरप्रदेश भाग गये थे । आरोपी द्वारा घटना कारित करने के एवज में पैसे की मांग करने पर कपिल त्रिपाठी द्वारा बाद में देने का आश्वासन देना एवं घटना दिनांक को दो दो हजार रूपये खर्च करने के लिये देना बताया है ।
लेकिन बनारस जाने के बाद कपिल त्रिपाठी एवं अन्य आरोपियों के पकड़े जाने से पैसा नही मिलना और कलकत्ता पुनः चला जाना , कुछ दिन व्यतीत हो जाने के बाद अपने साथियों से मिलने लखनउ आने पर पुलिस द्वारा पकड़ा गया । घटना घटित होने के बाद आरोपी संदीप यादव , एजाज उर्फ सोनू प्रेम श्रीवास , गुरूजी उर्फ विनय द्विवेदी के साथ सफेद डिजायर कार से बनारस चले गये थे।