
रमेश राजपूत
मुंगेली – स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे संचालित एक अवैध हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत के बाद बड़ा खुलासा हुआ है, लेकिन इन सब के बीच एक 2 जाने चली गई। दरअसल स्वास्थ्य विभाग के आंखे बंद कर चल रहे भर्राशाही से यह मौत हुई है, क्योकि मामले में प्रसूता को परिजन शासकीय हॉस्पिटल लेकर पहुँचे थे, जहाँ से उसे रिफर कर दिया गया और फिर जब परिजन उसे एक निजी हॉस्पिटल ले गए तो वहां उसकी ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई। मामला जब पुलिस थाने तक पहुँचा तो पता चला उस हॉस्पिटल के पाया लायसेंस ही नही है और न ही डॉक्टर…. जिसके बाद पुलिस ने संचालक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार जूनापारा, तखतपुर निवासी प्रार्थी दुर्गेश कुमार राजपूत ने थाना लोरमी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 26-27 अक्टूबर की रात्रि प्रार्थी अपनी गर्भवती पत्नी शारदा राजपूत को डिलीवरी हेतु लोरमी शासकीय अस्पताल भर्ती कराया था जो रिफर पश्चात् आन्या अस्पताल लोरमी ले गया, जहां रात्रि लगभग 03ः00 ऑपरेशन के दौरान लापरवाही के चलते गर्भवती पत्नी शारदा राजपूत की मृत्यु हो गई है, जिस रिपोर्ट पर थाना लोरमी में मर्ग कायम कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की विवेचना के दौरान लोरमी पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आन्या हॉस्पिटल के संचालक महेन्द्र साहू एवं मैनेजर जितेन्द्र साहू को पूछताछ करते हुए हॉस्पिटल चलाने एवं बाहर से डॉक्टर बुलाकर ईलाज करवाने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने के संबंध में नोटिस दिया गया, जिनके द्वारा किसी भी प्रकार का वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया गया, एवं आरोपी हॉस्पिटल संचालक महेन्द्र साहू तथा मैनेजर जितेन्द्र साहू के द्वारा बिना लाईसेंस हॉस्पिटल संचालित करना एवं बिना डिग्री प्राप्त सर्जन बुलाकर गलत ईलाज करने से गर्भवती महिला शारदा राजपूत की मृत्यु होना पाये जाने पर हॉस्पिटल को सील करते हुए आरोपियों के विरूद्ध थाना लोरमी में अपराध धारा 304, 34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया। प्रकरण की विवेचना में आरोपियों की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुंभकार, उनि शोभा यादव, सउनि निर्मल घोष, आजूराम गोंड, पुहकल सिंह, संतोष लोधी, प्रधान आरक्षक बालीराम ध्रुव, शेषनारायण कश्यप, प्रकाश शुक्ला, आरक्षक रवि डाहिरे, पवन गंधर्व, शिवशंकर गोयल, ईश्वर मरावी, राकेश गुप्ता, अमरनाथ नेताम, महिला आरक्षक नंदनी रजक की महत्वपूर्ण भूमिका रही।