
पुलिस की सतर्कता से जहां सोनकर परिवार को घर से भागा बेटा मिला, वहीं नाबालिग भी बड़ी विपत्ति से बच गया
बिलासपुर अलोक अग्रवाल
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ कई बार बिछड़ों को मिलाने का भी काम करता है ।बुधवार को हर दिन की तरह उपनिरीक्षक उषा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर गस्त कर रही थी ।इसी दौरान उनकी निगाह एक नाबालिग लड़के पर पड़ी जो लावारिस हालत में इधर-उधर घूम रहा था ।पूछताछ में शुरू में वो कुछ खास बताने को तैयार नहीं था लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद उसने बताया कि उसका नाम नरेश सोनकर है और वह मोहतारा वार्ड क्रमांक 6 थाना मस्तूरी का निवासी है ।बातचीत में उसने बताया कि उसका अपने बड़े भाई मुकेश सोनकर के साथ झगड़ा हो गया था जिससे रूठ कर वो घर में बिना किसी को बताए भागकर स्टेशन चला आया था। यहां से वह कहीं और भागने की फिराक में था । यह उसका सौभाग्य था कि ऐसा करने से पहले रेलवे पुलिस की निगाह उस पर पड़ गई जिसके बाद उस्से परिवार का मोबाइल नंबर हासिल कर आरपीएफ ने इसकी सूचना परिजनों को दी तो थोड़ी ही देर में उसके बड़े भाई मुकेश सोनकर और दुर्गा प्रसाद सोनकर स्टेशन पहुंच गए जिन के हवाले नाबालिक को कर दिया गया ।वहीं आरपीएफ ने दोनों पक्षों को समझाइश देते हुए आपस में प्यार मोहब्बत से रहने की सलाह दी ।पुलिस की सतर्कता से जहां सोनकर परिवार को घर से भागा बेटा मिला, वहीं नाबालिग भी बड़ी विपत्ति से बच गया।