
राजनीतिक दलों के सदस्य जो पदों पर आसीन हैं उनकी भी सुविधाएं आंशिक रूप से हटा ली गई थी जिसे पुनः बहाल कर दिया जाएगा
सत्याग्रह डेस्क
रविवार शाम को चुनाव आयोग द्वारा जारी परिपत्र द्वारा आचार संहिता समाप्त कर दी गई। 2019 लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश ,अरुणाचल प्रदेश ,उड़ीसा और सिक्किम में होने वाले विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उपचुनाव के चलते 10 मार्च को पूरे देश में चुनावी आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई थी। जिसके बाद सभी सरकारी कार्य और योजनाओं पर नियमानुसार पाबंदी लग गई थी। जिसके चलते कई योजनाएं भी अधर में अटकी हुई थी। वही प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों के लिए भी नियम और कायदे अनिवार्य हो चुके थे । चुनावी आचार संहिता के चलते एक तरफ जहां नए कार्य आराम नहीं हो रहे थे, वहीँ कई योजनाओं के लिए वित्तीय संकट की भी स्थिति थी, खासकर गर्मी के मौसम में पेयजल संकट को लेकर समस्या व्याप्त होने के बावजूद आचार संहिता के चलते उस पर निर्णय लेना संभव नहीं हो पा रहा था।
23 मई को परिणामों की घोषणा के बाद यह तय हो गया कि 17वीं लोकसभा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को शपथ लेंगे ।इसके बाद रविवार शाम को मुख्य चुनाव आयुक्त ने परिपत्र जारी कर आचार संहिता समापन की घोषणा कर दी ।आदर्श आचार संहिता समाप्त हो जाने के बाद अब एक बार फिर से सरकारी कामकाज की प्रक्रिया सामान्य होगी और सभी लंबित प्रकरणों को तेजी से निपटाया जाएगा। वही प्रशासनिक कार्यालयों में भी सामान्य कामकाज आरंभ होगा। कलेक्ट्रेट में होने वाला जनदर्शन भी एक बार फिर आरंभ होगा ।राजनीतिक दलों के सदस्य जो पदों पर आसीन हैं उनकी भी सुविधाएं आंशिक रूप से हटा ली गई थी जिसे पुनः बहाल कर दिया जाएगा।