
रमेश राजपूत
बिलासपुर – जिले में एक चौंकाने वाले मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें मृतक के परिजनों, एक वकील और एक डॉक्टर द्वारा शासन से 3 लाख रुपये का मुआवजा पाने के लिए षड्यंत्र रचा गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में की गई गहन जांच के बाद यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। घटना थाना बिल्हा क्षेत्र की है, जहां 12 नवंबर 2023 को शिवकुमार घृतलहरे नामक व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों द्वारा पहले बिल्हा अस्पताल और फिर सिम्स, बिलासपुर में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने दावा किया कि उसकी मृत्यु सांप काटने से हुई है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यही उल्लेखित किया गया। हालांकि, पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया कि शव पर सांप काटने का कोई निशान नहीं था और सिम्स के डॉक्टरों ने उसकी मृत्यु का कारण जहर और शराब का सेवन बताया था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि मृतक कर्ज में डूबा हुआ था और मानसिक तनाव के चलते उसने स्वयं जहर खाकर आत्महत्या की थी। आरोपियों में शामिल वकील कामता साहू ने परिजनों को मुआवजा दिलाने का लालच देकर पोस्टमार्टम में झूठी जानकारी दिलवाई। वहीं, डॉ. प्रियंका सोनी ने सांप काटने के निशान न होने के बावजूद गलत रिपोर्ट तैयार की। मृतक के पिता परागदास, पत्नी नीता और भाई हेमंत ने भी षड्यंत्र में सहयोग किया। थाना बिल्हा में अपराध क्रमांक 194/2025 के तहत आरोपीगण के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 511 (अपराध का प्रयास), और 120बी (षड्यंत्र) के अंतर्गत मामला दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बिलासपुर पुलिस की इस कार्यवाही से स्पष्ट है कि शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाने और अवैध लाभ कमाने के लिए किया गया कोई भी प्रयास कानून की नजर से नहीं बच सकता। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले में आगे भी गहराई से जांच की जा रही है और ऐसे तत्वों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी जो शासन की योजनाओं का दुरुपयोग करने का प्रयास करते हैं।