
हरिशंकर पांडेय
मल्हार – नव वर्ष को मंगलमय बनाने के लिए 2025 की पहली तारीख एक जनवरी को हजारों लोग धर्मनगरी मल्हार पहुचकर मा डिडनेश्वरी व भगवान पातालेश्वर के दर्शन कर प्राचीन मूर्तियों का अवलोकन किया। बुधवार को सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ प्रारंभ हो गई जो रात तक चलता रहा लोग अपने पूरे परिवार के साथ मंदिर दर्शन के बाद गार्डन में समय बिताकर आनंद उठाया। पूरा मल्हार क्षेत्र दर्शनार्थियों से गुलजार रहा। मेला चौक व माता डिडनेश्वरी मंदिर परिसर के आसपास मेले जैसा माहौल रहा।
सबसे ज्यादा समय लोगो ने मेला चौक स्थित भगवान पातालेश्वर मंदिर परिसर में बिताया क्योकि इस परिसर में हजारों की संख्या में प्राचीन मूर्तियों के अवशेष है जो पहली बार आने वाले लोगो के लिए किसी आश्चर्य से कम नही था, बिलासपुर से अपने परिवार के साथ आए गोविंद चौबे का कहना है कि मल्हार सचमुच अद्भुत धर्म स्थल है क्योंकि यहां हजारों वर्ष पुराने मूर्तियां है जो हमारी प्राचीन संस्कृति से अवगत कराती है। जो आज के लोगो के लिए महत्वपूर्ण है ऐसे स्थलों में जाने से बहुत कुछ जानकारी मिल जाती है। कोरबा से आई मीना यादव कहती है कि यहां आने से बहुत सुकून मिलता है सबसे ज्यादा यहां माता की दिव्य विग्रह उनको प्रभावित करती है इसके अलावा यहां की प्राचीन मूर्तियों की कलाकृति विलक्षण है जो पुरातनकाल का आभास कराती है।
जांजगीर से आए नवदीप तिवारी कहते है कि वे हर वर्ष नए साल में अपने परिवार को लेकर आते है क्योंकि यहां का वैभव उनको आकर्षित करता है। ऐसे ही सैकड़ो लोगो ने अपने परिवार के साथ मल्हार पहुचकर नववर्ष को मंगलमय बनाने दर्शनीय स्थलों के दर्शन किये। बिलासपुर जिले के अलावा अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में अपने साधनों से पहुचे। इस बार माँ डिडनेश्वरी मंदिर परिसर स्थित मुख्य द्वार को फूलों से सजाया गया था साथ ही दर्शनार्थियों की सुविधाओं का ख्याल रखा गया।
इससे पहले 31 दिसम्बर की रात 2024 की विदाई व 2025 की आगमन के लिए नगर के विभिन्न स्थानों में युवकों ने डीजे की धुनों में नाचते गाते जश्न मनाया रात 12 बजते ही अतिशबाजी कर नववर्ष का स्वागत कर एक दूसरे को बधाई दी।