
क्षेत्रफल और जनसंख्या के आधार पर चार नए वार्ड बनाए जा सकते हैं। इससे वार्डों की संख्या और स्थिति बदलेगी निगम के अमले ने तो तैयारी भी शुरू कर दी है

बिलासपुर प्रवीर भट्टाचार्य
नगर निगम चुनाव इसी साल के अंत में होने हैं। बिलासपुर में पहले 55 वार्ड हुआ करते थे। परिसीमन के बाद रेलवे क्षेत्र को भी इसमें जोड़ा गया, जिससे वार्डों की संख्या बढ़कर 66 हो गई। अब एक बार फिर नगर निगम के वार्डो का नए सिरे से परिसीमन करने के निर्देश राज्य शासन से मिले हैं, जिसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि वार्डों की संख्या 66 से बढ़ाकर 70 करने की तैयारी है और अगला नगर निगम चुनाव इन्हीं बढ़े हुए वार्डो के हिसाब से ही होगया। एक तरफ विधायक की कोशिश है कि बिलासपुर क्षेत्र के आसपास के 27 या 29 गांवों को भी बिलासपुर नगर निगम में शामिल कर लिया जाए, बिलासपुर का विस्तार हो। बिलासपुर को बी ग्रेड सिटी का दर्जा मिले और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी विकास की रफ़्तार पहुंचे, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम के वार्डों की संख्या बढ़ाने की इस पहल में वह ग्रामीण क्षेत्र शामिल नहीं है । फिलहाल मौजूदा वार्डों में ही परिसीमन किया जाएगा, यानी जाहिर है कि नगर निगम क्षेत्र के विस्तार की जो बात की जा रही थी उसे फिलहाल ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी है। बिलासपुर में कुछ वार्ड बेहद बड़े हैं इसलिए वहां विकास कार्य एक पार्षद के भरोसे सही ढंग से नहीं हो पा रहे है, इसीलिए बगैर सीमा विस्तार के ही 66 वार्डो में से कुछ बड़े वार्डो को खंडित कर नए वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है । जैसे पिछली मर्तबा हेमू नगर को दो हिस्सो में बांटा गया था। इसी तरह की तैयारी इस साल भी है । क्षेत्रफल और जनसंख्या के आधार पर चार नए वार्ड बनाए जा सकते हैं। इससे वार्डों की संख्या और स्थिति बदलेगी। निगम के अमले ने तो तैयारी भी शुरू कर दी है। सप्ताह भर बाद इस पर कार्य योजना भी आरंभ कर दी जाएगी। वार्डो के परिसीमन से निगम चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक हलके के लोगों में हलचल मच गई है। जाहिर है वार्डो की संख्या बदलने से उन्हें अपनी रणनीति में आमूलचूल परिवर्तन करना पड़ेगा । बिलासपुर में वार्डों की संख्या 70 से भी अधिक की जा सकती थी लेकिन शासन की तय गाइडलाइन के अनुसार वार्डों की संख्या 70 से अधिक करना संभव नहीं। रायपुर में भी 70 वार्ड ही है जबकि रायपुर राजधानी और बड़ा शहर है। वार्डों की संख्या तभी बढ़ाई जा सकती है जब बिलासपुर नगर निगम से महानगर पालिका घोषित हो लेकिन फिलहाल यह दूर की कौड़ी लग रही है। नगर निगम के चुनाव से पहले वार्डों की संख्या बदलेगी तो फिर सीटों का आरक्षण भी इससे प्रभावित होगा। मौजूदा पार्षदों का इलाका भी बदल सकता है इसलिए सभी राजनीतिक दल के जनप्रतिनिधियों की निगाह नए सिरे से होने वाले परिसीमन पर टिकी हुई है, जिस की स्थिति मुमकिन है इस महीने के अंत तक स्पष्ट हो जाए।
