
उदय सिंह
बिलासपुर – जिले के खम्हरिया विद्युत सब स्टेशन में कार्यरत ठेका कर्मचारी मुंशीराम कांगो की करंट लगने से हुई मौत के बाद गुरुवार को परिजनों और ग्रामीणों ने सीपत विद्युत कार्यालय में जमकर प्रदर्शन किया। बुधवार को हुई इस दुर्घटना के बाद मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर सीपत पहुंचे और शव को एंबुलेंस में रखकर दो घंटे तक प्रदर्शन करते रहे। ग्रामीणों और परिजनों का आरोप है कि स्थानीय निवासी शरद दुबे ने अपने निजी प्लॉट में बिजली कनेक्शन के लिए मुंशीराम को बुलवाया था।यह कार्य बिना विभागीय अनुमति और लिखित आदेश के कराया जा रहा था। इसी दौरान करंट की चपेट में आने से मुंशीराम की मौके पर ही मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि शरद दुबे के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की जाए, ठेकेदार और विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर आकर जवाब दें और मृतक के परिजन को मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
लेकिन दो घंटे तक कोई अधिकारी या ठेकेदार मौके पर नहीं पहुंचा, जिससे परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया। इसी बीच विद्युत विभाग के अन्य ठेका कर्मचारियों ने आपस में 10 हजार रुपये एकत्र कर मृतक परिवार को सहायता दी, लेकिन यह राशि परिजनों के आक्रोश को शांत नहीं कर सकी। बाद में विद्युत विभाग के अधिकारियों के आश्वासन पर मामला किसी तरह शांत हुआ।विद्युत ठेका कर्मचारी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश मरावी ने कहा कि भविष्य में ठेकेदारों को जोखिम वाले कार्यों के लिए कर्मचारियों से लिखित सहमति और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने होंगे। उन्होंने अंतिम संस्कार से पहले मुआवजा दिए जाने की भी मांग की। यह घटना एक बार फिर विभागीय लापरवाही और ठेका प्रथा की खामियों को उजागर करती है।