
जुगनू तंबोली
रतनपुर – नगर पालिका क्षेत्र रतनपुर एक बार फिर डायरिया की चपेट में आ गया है। विगत कुछ दिनों से प्रतिदिन 10 से 15 मरीज उल्टी-दस्त की शिकायत लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं। इन मरीजों में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार अब तक 50 से अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा चुका है, हालांकि समय पर उपचार मिलने से स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डायरिया के मामले गिरजाबंध और नवागांव क्षेत्र में अधिक सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन इलाकों में पानी की आपूर्ति पाइपलाइन के जरिए होती है, जिसमें गंदे पानी के मिलावटी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। कई लोगों ने पानी में गंदगी की शिकायत भी की है।स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने बताया कि डायरिया एक जल जनित रोग है, जिससे बचने का सबसे कारगर उपाय है स्वच्छता और उबला हुआ पानी पीना। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि इस स्थिति में विशेष सतर्कता बरतें, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही न करें। नगरवासियों का कहना है कि रतनपुर में यह समस्या कोई नई नहीं है।
पिछले वर्ष भी इसी प्रकार डायरिया का प्रकोप फैला था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बीमार हुए थे। बावजूद इसके नगर पालिका द्वारा पाइपलाइन और जल आपूर्ति व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया। इस बार भी जनप्रतिनिधियों ने नगर पालिका प्रशासन से मांग की है कि तत्काल सभी जल आपूर्ति पाइपलाइनों की जांच की जाए और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बदला जाए। इधर, स्वास्थ्य विभाग ने भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रतनपुर क्षेत्र में विशेष निगरानी दल तैनात किया है। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा को बढ़ाया गया है और जरूरी दवाइयों का स्टॉक सुनिश्चित किया गया है। स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। फिलहाल रतनपुर में डायरिया की स्थिति नियंत्रण में जरूर है, लेकिन बीते वर्षों के अनुभवों को देखते हुए यदि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति फिर से विकराल रूप ले सकती है। ऐसे में आम जनता के साथ-साथ प्रशासन की जिम्मेदारी भी और बढ़ जाती है।