
उदय सिंह

बिलासपुर – शहर का हाल कुछ यूं होता जा रहा है कि एक मरीज को घर से अस्पताल ले जाने और अस्पताल से घर लाने के लिए आपको प्रशासन के हजार सवालों के जवाब देने होंगे, इस बीच मरीज की सांसे ही क्यों न थम जाए। लेकिन शायद एक शराबी को शराब लेने जाने और वापस आने में प्रशासन के किसी सवाल का सामना नहीं करना पड़ता यही वजह हो सकती है जिसके कारण मयशालाओं में शराबियों की ऐसी भीड़ देखने को मिल रही है।

कोनी अंतर्गत ग्राम पौसरा में देशी शराब की दुकान पर कुछ ऐसा ही नजारा आपको नजर आ जाएगा जहां सुबह से लेकर शाम तक हर रोज शराबियों का मेला लगा होता है। शासन की एडवाइजरी का पालन करने जो डंडा लोगों पर चलता है अगर वही डंडा ऐसी भीड़ पर चलता तो शायद मयशाला में यह नजारा दिखाई नहीं देता। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा माहौल यहां पहले दिखाई नहीं दिया करता था, जाहिर सी बात है कि शहर में लॉकडाउन लगाकर शराब की दुकान तो बंद कर दी गई है

लेकिन गांवों में अभी भी शराब की दुकानें धड़ल्ले से सजाई जा रही है, यही वजह है की शराब के यह शहरी प्रेमी अपना रुख गांव की तरफ मोड़ रहे हैं। जिसके बाद ऐसा नजारा दिखाई दे जाना स्वभाविक है। इसे प्रशासन की लापरवाही ही कही जा सकती है जिसके वजह से शहरों के शराब प्रेमी लॉकडाउन में भी गांव तक आसानी से पहुंच आते हैं और ऐसी स्थिति निर्मित करते हैं। गांव में लगने वाले शराब के इस मेले को लेकर अब ग्रामीणों में भी रोष पनपने लगा है। इससे पहले कि ऐसे शराबी ग्रामीणों के रोष का शिकार हो जाए प्रशासन को समय रहते सजगता से इस पर नियंत्रण करना चाहिए।