
रमेश राजपूत
बिलासपुर – कोटा स्थित सरकारी अस्पताल के पीछे रहने वाले वृद्ध जार्ज माइकल की संदिग्ध मौत के लगभग तीन साल बाद अब जाकर उनके ड्राइवर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हुआ है। जार्ज की मौत मार्च 2022 में हुई थी, लेकिन उस समय पुलिस ने इसे सामान्य मामला मानकर कोई विशेष जांच नहीं की थी। वहीं परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए लगातार जांच की मांग की थी। आखिरकार कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने आरोपी ड्राइवर और उसके परिवार के खिलाफ हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया है। जार्ज माइकल अपने परिवार से दूर अकेले रहते थे, जबकि उनके परिजन विदेश में बस चुके थे। इस दौरान उन्होंने अपने ड्राइवर संजय खूंटे उर्फ बबलू और उसके परिवार को अपने साथ रखा था। बताया जाता है कि संजय अपने परिवार के साथ जार्ज की देखभाल भी करता था। लेकिन मार्च 2022 में अचानक वह अपने पूरे परिवार के साथ गायब हो गया। इसके कुछ दिनों बाद मोहल्ले के लोगों ने जार्ज को न देखकर अनहोनी की आशंका जताई। घर से तेज दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर के भीतर से जार्ज का शव बरामद किया और पोस्टमार्टम कराया। घटना की सूचना पर विदेश से लौटे जार्ज के परिजनों ने देखा कि घर का कई सामान भी गायब था। उन्होंने ड्राइवर संजय पर हत्या और संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया तथा पुलिस अधिकारियों से जांच की मांग की। लेकिन लंबे समय तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद परिजन कोर्ट की शरण में पहुंचे। परिवाद की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने धारा 302, 201, 404, 34 के तहत अपराध दर्ज करने का आदेश दिया। इस निर्देश के बाद कोटा पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जार्ज के परिजनों का कहना है कि वे तीन साल से न्याय के लिए भटक रहे थे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी। अब कोर्ट के आदेश से मामला दर्ज होने के बाद उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। फिलहाल पुलिस आरोपी ड्राइवर और उसके परिवार की तलाश में जुटी हुई है।