
रमेश राजपूत
जांजगीर-चांपा – जिले के थाना बिर्रा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करही में उपसरपंच महेन्द्र बघेल की रहस्यमयी गुमशुदगी के मामले ने सनसनी फैला दी थी। लगातार तीन दिनों की गहन खोजबीन और विवेचना के बाद पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाते हुए हत्या का राजफाश कर दिया है। पुलिस ने हत्या में शामिल सात आरोपियों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है, वहीं दो विधि विरुद्ध संघर्षरत बालकों को भी हिरासत में लेकर उनके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की गई है।
गुमशुदगी से हत्या तक का सफर
6 सितम्बर की रात उपसरपंच महेन्द्र बघेल घर नहीं लौटे। परिजनों व ग्रामीणों ने आसपास और रिश्तेदारों में तलाश की लेकिन कहीं पता नहीं चला। अगले दिन परिजनों ने थाना बिर्रा में गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज कराई। मामला संदिग्ध होने पर पुलिस अधीक्षक विजय पाण्डेय के मार्गदर्शन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप और एसडीओपी चांपा यदुमणि सिदार के निर्देशन में विशेष सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। पुलिस ने ग्राम करही सहित आसपास के इलाकों, डभरा व चंद्रपुर क्षेत्र में लगातार खोजबीन की। ग्राम सरपंचों, कोटवारों, मछुआरों और डोंगी चालकों से पूछताछ की गई। इसी दौरान मृतक के भाई ने सरपंच पति राजकुमार साहू पर अनहोनी का संदेह जताया। पुलिस ने राजकुमार सहित अन्य संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ।
कैसे दिया गया हत्या को अंजाम
पूछताछ में सामने आया कि सरपंच पति राजकुमार साहू का उपसरपंच महेन्द्र बघेल से शासकीय निर्माण कार्यों को लेकर पुराना विवाद था। इसी रंजिश के चलते 6 सितम्बर की रात 8:45 बजे राजकुमार ने महेन्द्र को अपने साथियों के साथ शराब पीने के बहाने बुलाया। ग्राम प्राथमिक शाला भवन के पास शराब पिलाने के बाद भास्कर मांझी और कान्हा यादव ने गमछा से उनका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद राजकुमार ने अपने भाई राजेन्द्र साहू को अल्टो कार से मौके पर बुलाया। आरोपियों ने शव को गाड़ी में डालकर बरेकेल पुल से महानदी में फेंक दिया। वहीं मृतक की पल्सर मोटरसाइकिल को भी नदी में फेंककर सबूत मिटाने की कोशिश की गई।
सर्च ऑपरेशन और शव बरामदगी
हत्या के बाद शव की खोज के लिए पुलिस ने डीडीआरएफ टीम और ड्रोन की मदद ली। कई घंटे की मशक्कत के बाद 8 सितम्बर की देर शाम डभरा क्षेत्र के साराडीह बैराज के पास शव मिला। कपड़ों से मृतक की पहचान उपसरपंच महेन्द्र बघेल के रूप में हुई।
गिरफ्तार आरोपी
पुलिस ने इस प्रकरण में सात आरोपियों राजकुमार साहू, राजू उर्फ शैलेश कश्यप, राजेन्द्र कुमार साहू, जितेन्द्र कश्यप, दुर्गेश आदिल्य, कान्हा यादव और भास्कर मांझी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा दो विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक भी शामिल पाए गए। सभी आरोपियों के खिलाफ थाना बिर्रा में अपराध क्रमांक 111/25 धारा 103(2), 61(2)क BNS एवं 3(2)(v) SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस की सराहनीय कार्यवाही
इस खुलासे में एएसपी उमेश कश्यप, एसडीओपी यदुमणि सिदार, थाना प्रभारी बिर्रा जय कुमार साहू, शिवरीनारायण प्रभारी प्रवीण द्विवेदी, बम्हनीडीह प्रभारी कृष्णपाल सिंह सहित कई पुलिसकर्मियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
ग्रामीणों में आक्रोश
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को बिर्रा चौक में चक्काजाम भी कर दिया था। जिन्हें पुलिस ने जल्द ही मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया था जिसके बाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई और हत्या का पर्दाफाश होने के बाद लोगों ने अब राहत की सांस ली है।