
उदय सिंह
बिलासपुर – जिले के शासकीय हाई स्कूल, जोगीपुर के प्रभारी प्राचार्य मनीष वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। उन पर महिला शिक्षिका के साथ दुर्व्यवहार, छात्राओं को गलत नियत से देखना और अनुचित स्पर्श करने के आरोप है। मामले में बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर डीपीआई ने मनीष वर्मा का आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। मिली जानकारी के अनुसार
प्राचार्य मनीष वर्मा के खिलाफ शिक्षा विभाग में हुई शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष किया गया था। जिसमे शिकायत के जांच के बाद यह पाया गया कि 21 अगस्त 2025 को मनीष वर्मा ने विद्यालय की एक महिला शिक्षिका के साथ विवाद किया और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया। इसके अलावा, उन पर विद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं को गलत नियत से देखने और अनुचित स्पर्श करने का भी आरोप लगा है। शिकायतों में यह भी उल्लेख किया गया है कि मनीष वर्मा ने विद्यालय के अन्य शिक्षकों, प्रधानपाठकों और संकुल समन्वयकों के साथ भी कई बार दुर्व्यवहार और अपमानजनक व्यवहार किया था।

जांच प्रतिवेदन में इन सभी आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया गया है। यह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन करते हुए गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। इन तथ्यों के आधार पर, मनीष वर्मा को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर निर्धारित किया गया है। शिक्षा विभाग के आदेश में यह भी उल्लेख है कि निलंबन की अवधि में मनीष वर्मा को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा। इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। सूत्रो की माने तो कई शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि यदि आरोप प्रमाणित होते हैं, तो मनीष वर्मा पर कठोर विभागीय कार्रवाई और बर्खास्तगी की प्रक्रिया भी आगे बढ़ाने की प्रबल संभावना है।
