
रमेश राजपूत
बिलासपुर/रतनपुर – कल्चुरी कलार महासंघ, छत्तीसगढ़ द्वारा समाज की संस्कृति, गौरव और एकता को समर्पित “कल्चुरी कलार महोत्सव” का भव्य आयोजन रविवार, 9 नवंबर 2025 को रतनपुर की पवित्र भूमि पर किया जा रहा है। कुलदेवी माँ महामाया मंदिर प्रांगण में आयोजित यह ऐतिहासिक महोत्सव समाज की परंपरा, कला और एकता का प्रतीक बनने जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः कुलदेवी माँ महामाया की आराधना से होगा। इसके पश्चात माता बहादुर कलारिन और सहस्त्रबाहु जी की पूजा-अर्चना कर कल्चुरी वंश की महिमा का स्मरण किया जाएगा। धार्मिक अनुष्ठान के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला प्रारंभ होगी, जिसमें समाज की समृद्ध कला, संगीत और लोक परंपरा की मनमोहक झलक देखने को मिलेगी। समाज के युवाओं द्वारा पारंपरिक नृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न संगठनों को एक सूत्र में पिरोना, नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास से जोड़ना और राज्य को कल्चुरी परंपरा की समृद्ध धरोहर से परिचित कराना है। समाज के वरिष्ठ जनों और पदाधिकारियों द्वारा सामाजिक एकता, संगठन सुदृढ़ीकरण और समाजहित में आगे की योजनाओं पर विचार-विमर्श सत्र भी आयोजित होगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, जबकि राज्य के मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल अध्यक्षता करेंगे। अति विशिष्ट अतिथियों में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, तथा पर्यटन, संस्कृति एवं धार्मिक न्यास मंत्री राजेश अग्रवाल शामिल होंगे। इसके साथ ही कार्यक्रम में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में समाज के प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और गणमान्यजन शामिल होंगे। विशिष्ट अतिथियों में अमर अग्रवाल (विधायक, बिलासपुर), सुशांत शुक्ला (विधायक, बेलतरा), धरमलाल कौशिक (विधायक, बिल्हा), अटल श्रीवास्तव (विधायक, तखतपुर), दिलीप लहरिया (विधायक, मस्तूरी), विकास महतो (विधायक, कोटा एवं संरक्षक, हैहय कल्चुरी कलार समाज), जयनारायण चौकसे (राष्ट्रीय अध्यक्ष), लवकुश कश्यप (अध्यक्ष, नगर पालिका रतनपुर), पुन्नु लाल मोहले (विधायक, मुंगेली), योगेश्वर राजू सिन्हा (विधायक, महासमुंद), रूपनारायण सिन्हा (अध्यक्ष, योग आयोग, छत्तीसगढ़) और प्रबल प्रताप जूदेव (प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा) की उपस्थिति रहेगी। रतनपुर नगरी का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इस आयोजन को और भी भव्य बनाता है। इतिहासकारों के अनुसार, रतनपुर की स्थापना राजा रतनदेव कल्चुरी ने की थी। यह नगर लंबे समय तक कल्चुरी साम्राज्य की राजधानी रहा और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान का केंद्र बना। आज भी यहाँ के मंदिर, स्थापत्य और पुरातात्विक धरोहरें उस गौरवशाली काल की गवाही देती हैं। कल्चुरी समाज ने छत्तीसगढ़ के निर्माण, प्रशासन, शिक्षा, संस्कृति और सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। समाज के पुरोधाओं का नाम राज्य के इतिहास के हर स्वर्णिम अध्याय में दर्ज है। यह महोत्सव उसी गौरवगाथा को पुनः जीवंत करने और नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का प्रयास है। समाज के प्रमुख पदाधिकारियों मनोज राय, अशोक जायसवाल, मोहित जायसवाल, रमेश जायसवाल, शैलेंद्र जायसवाल, संजय महोबे, सुरेंद्र जायसवाल और पेशी राम जायसवाल ने बताया कि यह आयोजन समाज की एकता, संगठन और संस्कृति के उत्थान का प्रतीक बनेगा। रतनपुर में आयोजित यह ऐतिहासिक महोत्सव न केवल कल्चुरी समाज बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक एकता का उत्सव होगा।