
रमेश राजपूत
रायगढ़ – पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के नेतृत्व में रायगढ़ पुलिस ने एक बड़ी साइबर ठगी का पर्दाफाश करते हुए ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को श्रीनगर से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह यूट्यूब विज्ञापनों और फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के निवेशकों को भारी मुनाफे का लालच देकर ठगी करता था। अब तक इनके खिलाफ देशभर में 200 से अधिक शिकायतें दर्ज पाई गई हैं, जबकि 10 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध लेनदेन सामने आया है। ढिमरापुर निवासी उद्योगकर्मी दंपत्ति ने यूट्यूब पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखकर एक लिंक के जरिये संपर्क किया था। कॉलर ने स्वयं को “यूके इंडिया चैनल” से जुड़ा बताया और एक ऐप डाउनलोड कर निवेश शुरू कराया। 20 मई से 30 अगस्त 2025 के बीच पीड़ित दंपत्ति से 1,08,44,025 रुपये विभिन्न खातों में जमा करवाए गए। जुलाई में 32 लाख रुपये जमा करने पर ऐप में राशि 42 करोड़ दिखाई गई। रकम निकालने के नाम पर 5 लाख रुपये ब्रोकरेज फीस भी ले ली गई। इसके बाद कॉलर फरार हो गया। शिकायत पर थाना कोतवाली में अपराध दर्ज किया गया। साइबर सेल की जांच में पता चला कि पीड़ित के 32.50 लाख रुपये श्रीनगर निवासी यासीर शॉफी चारलू के खाते में गए थे। पुलिस टीम ने श्रीनगर में दबिश देकर यासीर, मेहराज असाई, उसके बेटे अर्शलन और आरोपी साकीब फारूखदार को गिरफ्तार किया। गिरोह की भूमिका गंभीर पाई जाने पर प्रकरण में धारा 111, 3(5) बीएनएस और 66(D) आईटी एक्ट जोड़ा गया है। चार मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं।
पुलिस द्वारा पीड़ित की पूरी राशि की रिकवरी प्रक्रिया जारी है। एसपी ने लोगों से चेतावनी दी है कि आकर्षक ऑनलाइन विज्ञापनों और त्वरित मुनाफे के झांसे से बचें, क्योंकि ऐसे प्लेटफॉर्म अक्सर साइबर ठगी का माध्यम बनते हैं।