
उदय सिंह
बिलासपुर – सीपत क्षेत्र में एक बार फिर मानव–हाथी द्वंद की स्थिति गहराती दिखाई दे रही है। कटघोरा वनमंडल से भटका एक किशोर हाथी शुक्रवार देर रात सोंठी वन क्षेत्र में पहुंच गया, जिसके बाद शनिवार सुबह उसकी गतिविधियों ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी। हाथी खोंधरा, सोंठी, कारीछापर और ठरकपुर मार्ग से होते हुए भरुवाडीह जंगल में दाखिल हो गया।

सुबह करीब 5.30 बजे भरुवाडीह गांव की संत बाई ऊईके पति भोलाराम जलाऊ लकड़ी लेने जंगल गई थीं। इसी दौरान अचानक भटके हाथी ने उन पर हमला कर दिया। हमले में महिला को कमर सहित शरीर के कई हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। वन विभाग की टीम ने तत्काल उपचार की व्यवस्था कर उन्हें अस्पताल भेजा। सीपत सर्किल के डिप्टी रेंजर लक्ष्मीकांत गढ़ेवाल के अनुसार वर्तमान में हाथियों का प्रजनन काल चल रहा है, जिसके कारण यह किशोर हाथी झुंड से अलग होकर इधर-उधर भटक रहा है। ऐसे समय में हाथियों का व्यवहार आक्रामक होने की आशंका अधिक रहती है। इधर ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम और वन प्रबंधन समिति सर्किल सीपत के अध्यक्ष राजेश्वर कौशिक मौके पर पहुंचे।

जांच में पाया गया कि हाथी ने भरुवाडीह के एक प्लॉट की फेंसिंग तोड़ दी और आसपास के खेतों में खड़ी फसल को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। गांव के कई हिस्सों में हाथी के पगचिह्न स्पष्ट रूप से दिखे, जिससे उसके गांव के करीब होने की पुष्टि हुई। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भरुवाडीह प्राथमिक शाला में सुबह पाली के बच्चों को छुट्टी दे दी गई। वहीं ठरकपुर और भरुवाडीह जंगल क्षेत्र में वन विभाग ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।

विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे जंगल या खुले खेतों की ओर न जाएं, समूह में रहें और हाथी की किसी भी गतिविधि की सूचना तुरंत नियंत्रण कक्ष या वन अमले को दें। मानव-हाथी संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सतर्कता और सहयोग ही नुकसान को रोकने का सबसे बड़ा उपाय बताया गया है।