
रमेश राजपूत
कोरबा – जिले के थाना उरगा क्षेत्र से सामने आया तिहरा हत्याकांड न सिर्फ एक जघन्य अपराध है, बल्कि अंधविश्वास और लालच के खतरनाक गठजोड़ की भयावह तस्वीर भी पेश करता है। तंत्र-मंत्र के नाम पर 5 लाख रुपये को 2 करोड़ 50 लाख रुपये करने का सपना दिखाकर तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। यह घटना समाज के लिए एक सख्त चेतावनी है कि अंधविश्वास किस हद तक इंसान को अंधा और अपराधी बना सकता है। दिनांक 11 दिसंबर 2025 को ग्राम कुदरी स्थित एक फार्म हाउस में तीन व्यक्तियों की संदिग्ध मौत की सूचना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। पुलिस जांच में जो सच सामने आया, उसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी तांत्रिक आशीष दास ने तंत्र-मंत्र के माध्यम से रुपये कई गुना बढ़ाने का झांसा देकर नितेश रात्रे, असरफ मेमन और सुरेश साहू को अपने जाल में फंसाया। लालच और अंधविश्वास में डूबे मृतक यह समझ ही नहीं पाए कि जिस तांत्रिक पर वे भरोसा कर रहे हैं, वही उनका काल बन जाएगा। 10 दिसंबर की रात फार्म हाउस में तंत्र-मंत्र की आड़ में एक-एक कर तीनों को कमरे के भीतर बुलाया गया और नायलॉन की रस्सी से गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण साफ तौर पर गला घोंटना पाया गया, जिससे यह सिद्ध हो गया कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश थी। इस मामले में पुलिस ने त्वरित और पेशेवर कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त सामग्री, वाहन और नकद राशि बरामद की गई है। यह कार्रवाई कानून के प्रति भरोसा जरूर दिलाती है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर लोग आज भी ऐसे ढोंगी तांत्रिकों के झांसे में क्यों आ जाते हैं?
यह घटना बताती है कि अंधविश्वास सिर्फ व्यक्तिगत नुकसान तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह हत्या जैसे जघन्य अपराधों को भी जन्म दे सकता है। तंत्र-मंत्र, चमत्कार और धन बढ़ाने जैसे झूठे वादों के पीछे अक्सर धोखा, शोषण और अपराध छिपा होता है। जब तक समाज में वैज्ञानिक सोच, शिक्षा और जागरूकता नहीं बढ़ेगी, तब तक ऐसे ढोंगी लोगों को शिकार मिलते रहेंगे।
प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी है कि वह अंधविश्वास के खिलाफ आवाज उठाए। परिवार, स्कूल और सामाजिक संस्थाओं को चाहिए कि वे लोगों को समझाएं कि मेहनत और कानून के रास्ते से ही प्रगति संभव है, किसी तांत्रिक या चमत्कार से नहीं। उरगा का यह तिहरा हत्याकांड एक कड़वी सच्चाई है अंधविश्वास इंसान की सोच छीन लेता है और उसे मौत के मुहाने तक पहुंचा देता है। यह समय है सतर्क होने का, जागरूक बनने का और ऐसे ढोंगी विश्वासों को सिरे से खारिज करने का, ताकि भविष्य में कोई और परिवार ऐसी त्रासदी का शिकार न बने।
गिरफ्तार आरोपी –

01-आशीष दास, पिता – मुकेश दास, उम्र 24 वर्ष, निवासी – कमेल बिहार, बिलासपुर।
02-राजेन्द्र जोगी, पिता – सुन्दर जोगी, उम्र 75 वर्ष, निवासी – जरहाभांठा, जिला बिलासपुर।
03 केशव सूर्यवंशी, पिता – स्व. राम खिलावन, उम्र 55 वर्ष, निवासी – घुरू, गोकुलधाम, सकरी, बिलासपुर।
04-अश्वनी कुर्रे, पिता – पुन्नीलाल, उम्र 42 वर्ष, निवासी – अमेरी, थाना सकरी, बिलासपुर।
05-संजय साहू उर्फ लव कुमार साहू, पिता – स्व. रामरतन साहू, उम्र 46 वर्ष, निवासी – मोदर, थाना सीपत, बिलासपुर।
06-भागवत प्रसाद, पिता – दिलहरण दास मेहतर, उम्र 48 वर्ष, निवासी – मुकाम मुड़ापार बाजार, मूल निवासी – गवरा पंतोरा, जिला जांजगीर-चांपा।