आकाश दत्त मिश्रा
भारतीय परंपराओं में घर की बहू को घर का मान समझा जाता है। उसे इज्जत मानकर उसकी पूरी सुरक्षा की जाती है , लेकिन इसी समाज में ऐसे भी लोग हैं जो अपनी ही बहू को जरायम पेशा में उतारने की मंशा रखते हैं और अपनी मंशा ना पूरी होने पर किसी भी हद तक जा सकते हैं । ऐसा ही कुछ हुआ लोरमी में।
12 दिन तक सिम्स में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार समा दिवाकर ने हमेशा के लिए आंखें मूंद ली। समा की जान क्यों गई, यह जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। ग्राम उसलापुर के रहने वाले देशराज डेहरिया की बेटी समा दिवाकर का विवाह ग्राम फुलवारी कला के दीपक दिवाकर के साथ हुई थी। बताया जा रहा है कि ससुराल पक्ष द्वारा शुरू से ही कम दहेज लाने की बात पर उसे प्रताड़ित किया जाता था। जिसके बाद समा के पिता ने एक मोटरसाइकिल भी खरीदकर उन्हें दिया था लेकिन इससे भी दहेज लोभियो का लालच कम नहीं हुआ ।
असली मुसीबत तो कुछ और भी थी। दरअसल समा के पति और सास-ससुर सभी अवैध शराब का धंधा करते थे और वह चाहते थे कि उनकी बहू भी उनके कारोबार में हाथ बटाए। अपनी बहू को शराब बेचने और ग्राहकों को शराब परोसने के लिए राजी करने के लिए ससुराल पक्ष ने साम-दाम-दंड-भेद की सारी नीति अपनाई लेकिन समा ने शराब बेचने से साफ मना कर दिया। इसी विवाद की वजह से समा अपने पति को छोड़कर मायके भी आ गई थी लेकिन फिर सामाजिक बैठक के बाद वह ससुराल लौटी तो एक बार फिर उस पर शराब बेचने और परोसने ने के लिए दबाव बनाया जाने लगा।
लेकिन इस बार भी समा ने साफ इंकार कर दिया। इसी बीच 8 जून को समा के पिता को सूचना मिली कि उसकी बेटी की तबीयत ठीक नहीं है। पिता भागे भागे लोरमी पहुंचे तो देखा कि उनकी बेटी की हालत बेहद खराब है। जब वे उसे लेकर मुंगेली जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि उनकी बेटी ने जहर खाया है। इस बीच उसकी हालत को देखते हुए उसे सिम्स रेफर कर दिया गया। रास्ते में समा को होश आया तो उसने अपने पिता को बताया कि शराब बेचने से इनकार करने पर उसके पति और सास-ससुर ने उसे चूहा मारने की दवा खिला दी है। करीब 12 दिन तक समा का इलाज सिम्स में चलता रहा लेकिन आखिर जिंदगी हार गई। समा के पिता देशराज डेहरिया का आरोप है कि उनकी बेटी के हाथ पर साथ जगह कटे का निशान है ।
ब्लेड से उसके हाथ को काटा गया है।जो यह साबित करता है कि दहेज और शराब बेचने के नाम पर उसकी 24 वर्षीय बेटी को किस तरह ससुराल पक्ष ने प्रताड़ित किया है । समा की मौत के बाद उसके पिता ने लालपुर थाने पहुंचकर मृतिका के पति दीपक ,ससुर राजकुमार और सास प्रभा के अलावा ननद मिन्नी दिवाकर के खिलाफ भी हत्या का मामला दर्ज कराई है। पुलिस इस मामले में जांच कर रही है ।यह घटना अपने आप में बेहद अनोखा है । शराब बेचने के लिए पहले तो बहू को मजबूर किया गया और उसके इंकार करने पर उसे चूहा मारने की दवा खिलाकर उसकी जान ले ली गई।