मस्तूरी

बेखौफ हो रहा खनिज संसाधनों का दोहन…प्रशासनिक अमला नही कर रहा कार्रवाई, खनिज माफियाओ को आखिर किसका संरक्षण..

उदय सिंह

मस्तूरी – क्षेत्र के ग्राम पंचायत जयरामनगर के आश्रित ग्राम खैरा में प्रशासन के नाक के नीचे खुलेआम मुरुम मिट्टी की खुदाई की जा रही है। जिन्हें किसी भी विभाग का डर नही है जो बेखौफ राजस्व अधिकारियों का नाम लेकर अवैध उत्खनन कर रहे है। वही खनिज अधिकारी और क्षेत्रीय अधिकारी भी अपनी आंखे मूंदे बैठे है,

जो कार्रवाई करने की भी जहमत नही उठा रहे, जिसके कारण अवैध उत्खनन करने वालो के हौसले बढ़े हुए है। यही वजह रही कि अवैध उत्खनन करने वालों ने तालाब के किनारे में लगी हाईटेंशन टॉवर की नींव तक को नही छोड़ा है ।

टॉवर के नीचे की जमीन को चारों तरफ से खुदाई कर दी गई है। जिसके कारण टॉवर के नीचे बेस भी कमजोर हो चुकी है जो कभी भी गंभीर दुर्घटना का शिकार हो सकती है।

पंचायत प्रतिनिधियों का अपना फायदा…

जब अवैध खनन के बारे में सरपंच प्रतिनिधि से जानकारी लेना चाहा गया तो सरपंच प्रतिनिधि ने ऐसा उत्खनन होने से साफ मना कर दिया। जबकी सरपंच के घर से 500 मीटर के अंदर ही यह खुदाई हो रही है। ग्रामीण भी मामले की शिकायत कर चुके है बावजूद इसके पंचायत प्रतिनिधियों ने अवैध उत्खनन रोकने कोई कदम नही उठा रहे।

खनिज माफिया एसडीएम से परमिशन का दे रहे हवाला…

अवैध उत्खनन करने वाले लोग रात में एक जेसीबी और 5,6 ट्रैक्टर से खुदाई कर रहे थे जब इस बारे में ग्रामीण और मीडया वालो ने खुदाई के बारे में जानकारी लेनी चाही तो साफ साफ एसडीएम से परमिशन लेकर खुदाई करने की बात कही जा रही है।

एसडीएम ने जांच कर कार्रवाई की कही बात…

मामले में मस्तूरी एसडीएम महेश शर्मा ने अवैध खनन के बारे में किसी भी जानकारी होने से साफ इंकार किया है।एसडीएम ने बताया कि जब मुझे पता ही नही है तो खनन का आदेश कैसे दे सकते है इस मामले में जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।

जल स्त्रोतों को निगल रहे माफिया..

अवैध खनिज माफिया क्षेत्र में अपनी ही मनमानी कर रहे है, जो दर्जनों पत्थर खदानो को अवैध तरीके से राखड़ डालकर पाट रहे है,उसी पाटे हुए राखड़ को छुपाने ऊपर से अवैध खनन कर मुरुम डाल रहे है।

जिनके द्वारा क्षेत्र के कई जल स्त्रोतों को अब तक पटाई कर बराबर कर दिया गया है। क्षेत्र में पहले से ही पीने के पानी की किल्लत थी, वही जब से अवैध रूप से खनिज का दोहन किया जा रहा है तब से लगातार ऐसे जल स्त्रोतों को खत्म किया जा रहा है, जिस ओर कोई भी ध्यान नही दे रहा है।

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