
भुवनेश्वर बंजारे
बिलासपुर – शासन द्वारा निराश्रित और मानसिक विक्षिप्त लोगों के लिए कई योजनायें बनाई गयी हैं, इसके बावजूद निराश्रित लोग सड़कों में जीवन यापन करने मजबूर हैं। हाट-बाजारों, सड़कों, गली मोहल्लों में भीख मांग कर जिंदगी काटने के लिए मजबूर है। इसकी जमीनी हकीकत मंगलवार को उस वक्त सामने आई जब शहर के पॉश इलाकों में से एक कॉलोनी में विक्षिप्त महिला निर्वस्त्र और घायल अवस्था में मिली। जिसकी मदद के लिए अंत तक कोई नही पहुंचा। जिसकी सूचना पाकर आखिरकार संजीवनी 108 की टीम ने मदद के लिए पहुंच महिला को सकुशल हॉस्पिटल पहुंचाया है। यह मामला उसलापुर शुभम विहार कॉलोनी का है। जहा मंगलवार को एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला के तड़पती हालत में रोड में पड़े होने की सूचना संजीवनी 108 को मिली। जिसे गंभीरता से लेते हुए ईएमटी लता खूटे और उसकी टीम तत्काल मौके पर पहुंची। उस मंजर को देख उनकी टीम अचंभित रह गई। क्योंकि करीब 45 वर्षीय महिला बीच सड़क में असहाय और निर्वस्त्र पड़ी हुई थी। जिसके बाद ईएमटी लता खूटे ने आसपास की महिलाओं की मदद से उसे कपड़ा पहनाया उसके बाद उसकी जांच शुरू की।

एंबुलेंस में जांच के दौरान पता चला की महिला की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वही उसके बाएं हाथ में चोट भी लगी है। जिस वजह से हाथो में काफी सूजन हो गई। ऐसे में उन्होंने डॉक्टर से संपर्क कर उसका प्राथमिक उपचार किया। जिसके बाद महिला को सिम्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। जहां उनका सघन उपचार जारी है। इस मामले से यह तो साफ है कि संबंधित विभाग केवल बैनर पोस्टर और स्लोगन से ही काम कर रहा है, समाज कल्याण के नाम पर अपना ही कल्याण कर रहे है, हकीकत में सभी विक्षिप्त और निराश्रित भगवान भरोसे ही है। सरकार के अलावा विभाग भी इस ओर चिंतन नहीं कर रहा है दिन-ब-दिन सड़कों पर भिक्षावृत्ति करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है इस तरह जीवनयापन करने वाले लोग किसी प्रकार से कोई बुनियादी सुविधा का लाभ उठा रहे और न ही अपने लिए दो वक्त का भोजन जुटा पा रहे हैं। सड़कों के किनारे इनके रहने के ठीहे है, तो वही सामाजिक संस्था द्वारा भोजन दिया गया ही इनका खाना हैं। शासन दवारा ऐसे लोगो के लिए साल दर साल योजनाएं बनाई जा रही है । बजट से करोड़ों रूपए राजस्व खर्च भी किये जा रहे हैं पर फिर भी सब ढर्रे में जा रहे हैं। ऐसा लगता है मानो निराश्रित लोगो के जीने और मरने से किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ता है.?