
डेस्क
तार बहार रेलवे फाटक पर बना अंडर ब्रिज इन दिनों आवाजाही करने वालों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। अंडर ब्रिज में 100 के करीब मवेशियों ने कब्जा कर लिया है और हर वक्त उनकी मौजूदगी से लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। इतना ही नहीं मवेशियों ने यहां वहां गंदगी फैला रखी है लेकिन रेलवे को इससे कोई सरोकार नहीं है।

बिलासपुर के तार बाहर रेलवे फाटक में हुए हादसे को भला कौन भूल सकता है, जिसमें करीब दो दर्जन लोगों की जान चली गई थी। उसके बाद बनाए गए इस रेलवे अंडर ब्रिज की हालत भी ऐसी है कि यहां हर दिन दुर्घटना हो रही है। व्यवस्था बहाली के लिए बनाया गया अंडर ब्रिज मुसीबत का सबब बन चुका है। बरसात के मौसम में बारिश से बचने मवेशियों ने अंडर ब्रिज को अपना ठिकाना बना लिया है। इस छोर से लेकर उस छोर तक 100 से अधिक गाय बैल जहां तहां बैठे हर वक्त मिल जाते हैं। क्योंकि धूप से आकर सीधे वाहन चालक अंधेरे अंडर ब्रिज में प्रवेश करते हैं इसलिए उन्हें अचानक से अंडर ब्रिज में यहां वहां बैठे मवेशी नजर नहीं आते और वे उन की चपेट में आकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। मवेशियों ने अंडर ब्रिज को अपना ठिकाना बना लिया है। यहां हर वक्त यहां वहां पंचायत लगाए बैठे मवेशी आपको नजर आ जाएंगे। जिनकी वजह से लोग रोजाना दुर्घटनाग्रस्त होकर चोटिल तो हो ही रहे हैं साथ ही मवेशियों द्वारा हर तरफ गोबर कर दिया जाने से यहां गंदगी और बदबू का आलम है। जिससे यहां से गुजरने वाले हलकान है ।

अंडर ब्रिज निर्माण से फौरी राहत भले मिली थी लेकिन यहां की व्यवस्थाएं लोगों को निराश कर रही है। बारिश के मौसम में भीतर पानी भर जाता है। वहीं हर तरफ मवेशियों के जमावड़े से भी लोग परेशान हैं, लेकिन रेलवे को शायद आम लोगों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है। रेलवे ने अंडर ब्रिज की ओर से पूरी तरह आंख मूंद लिया है, जिसका खामियाजा लोग भोग रहे हैं ।यहां से गुजरने वाले लोग मजबूरी में आवाजाही जरूर करते हैं लेकिन ऐसा कोई दिन नहीं जब वे यहां से गुजरने के दौरान रेलवे को ना कोसते हो। रेलवे क्षेत्र होने से ट्रैफिक विभाग भी व्यवस्था सुधार के लिए कोई प्रयास नहीं करता और न ही नगर निगम ही दखल देता है । जिस कारण से समस्या जस की तस बनी हुई है। इस संबंध में या तो रेलवे को पहल करना होगा या फिर नगर निगम को व्यवस्था सुधार के लिए खुली छूट देनी होगी। तभी यहां समस्या का निराकरण संभव है। अन्यथा इसी तरह लोग रोज परेशान होते रहेंगे।
