
आकाश दत्त मिश्रा

जुलाई महीने का अंतिम सप्ताह चल रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार भी सावन माह है, लेकिन बारिश का दूर-दूर तक पता पता नहीं। इसके चलते पूरे संभाग में अकाल की स्थिति है। इस वर्ष फरवरी के बाद से ही ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए त्राहि-त्राहि की स्थिति है। जल संकट से उबर ना पाने की स्थिति में एक सरपंच ने अपने पद से इस्तीफा तब देने का फैसला कर लिया है। हैरान करने वाली यह खबर मुंगेली क्षेत्र के रामगढ़ जनपद पंचायत से आयी है। यहां लंबे वक्त से जल संकट है और ग्रामीणों की शिकायत का निराकरण तमाम प्रयासों के बावजूद सरपंच संजय सोनी नहीं कर पाए। अपनी बेबसी से दुखी होकर उन्होंने सरपंच पद से त्यागपत्र देने का निर्णय किया है। रामगढ़ के सरपंच संजय सोनी के इस फैसले से सभी हैरान हैं। उनकी शिकायत है कि उनके इलाके में सूखे की मार है। लोग पीने के पानी तक को तरस रहे हैं , लेकिन बार-बार उनके द्वारा मौखिक और लिखित शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने निराकरण का कोई प्रयास नहीं किया। वे खुद को लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं पा रहे है, इसलिए विवश होकर उन्होंने अपना त्यागपत्र उच्चाधिकारियों को भेज दिया है । पूरे गांव में सरपंच के त्यागपत्र देने की चर्चा है। लोग यह भी कह रहे हैं कि अधिकारियों की गलती की वजह से उन्हें त्यागपत्र नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे समाधान नहीं होगा उल्टे एक संवेदनशील सरपंच को ग्रामीण खो देंगे।