डेस्क
स्कूल शिक्षा का मंदिर है और यहां बच्चे संस्कार लेने आते हैं। जाहिर है उनमें यह संस्कार के बीज स्कूल के शिक्षक ही होते हैं। लेकिन शिक्षक का ही चरित्र गिरा हुआ होगा तो बच्चों में वे कौन सा आदर्श स्थापित कर पाएंगे। ऐसा ही कुछ सकरी क्षेत्र के शासकीय स्कूल में हो रहा था। यहां का प्रधान पाठक मोहन देव यादव अपनी ही स्कूल की एक शिक्षिका पर अपने पद का रौब दिखाकर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध स्थापित कर रहा था। अपनी नौकरी बचाने और डर के मारे महिला शिक्षिका पिछले 6 वर्षों से मोहन देव यादव की हवस का शिकार हो रही थी। बताया जा रहा है कि मोहन देव यादव महिला शिक्षिका को अपने प्रेम जाल में फांस कर उसका मानसिक और शारीरिक शोषण कर रहा था । आखिरकार महिला के सब्र का बांध टूट पड़ा और 23 जुलाई को पीड़ित महिला ने सिविल लाइन थाने में जब्बल गली नेहरू नगर निवासी मोहन देव यादव के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। इस मामले को संवेदनशील पाकर सिविल लाइन पुलिस ने तुरंत कार्यवाही की और बुधवार को आरोपी प्रधान पाठक मोहन देव यादव को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े जाने पर आरोपी प्रधान पाठक, दोनों के बीच प्रेम संबंध होने और सहमति से संबंध बनने का दावा करता रहा लेकिन पीड़ित महिला ने उसके झूठ का पर्दाफाश कर दिया। प्रधान पाठक के खिलाफ बलात्कार समेत अन्य धाराओं के तहत कार्यवाही की जा रही है। बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग की है जिस कारण आरोपी प्रधान पाठक के खिलाफ एस्ट्रो सिटी एक्ट भी लगा है । इस घटना ने शिक्षा जगत को शर्मसार कर दिया है।मोहन देव यादव अपनी वासना पूर्ति में शिक्षक पद की गरिमा भी भूल बैठा और नतीजे में उसे हवालात की हवा खानी पड़ रही है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है लेकिन अगर गुरु मोहन देव यादव जैसा हो तो फिर इसे गुरु घंटाल ना कहें तो क्या कहें ?