
उदय सिंह
मल्हार – नगर पंचायत मल्हार में खुलेआम नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है, जिसकी सुध जिम्मेदार अधिकारी भी नही ले रहे है। दरअसल अपने करीबियों को लाभ पहुचाने सारे नियमों को दर किनार कर पात्र हितग्राहियों को भटकाया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष नगर पंचायत मल्हार में मछली पालन के लिए हितग्राहियों को तालाब का आबंटन चुनावी प्रक्रिया का हवाला देकर नही किया गया है, जिसमें लगभग 48 तालाब जो नगर पंचायत के अधीन है, वहाँ अवैध रूप से मछली पालन और शिकार कर लाखो रुपए अर्जित किये जा रहे है और सीधे तौर पर शासन को लाखों रुपए का राजस्व का चूना लगाया जा रहा है।
वही पट्टे के लिए आवेदन करने वाले मछली पालकों को मछली पालन करने से रोक दिया गया है। इस मामले में मत्स्य पालन विभाग की कार्य प्रणाली भी सवालों के घेरे में है जिनके द्वारा अब तक प्रक्रिया पूर्ण नही की गई है और न ही नगर पंचायत को दिशा निर्देश जारी किए गए है। जब इस मामले में विस्तृत जानकारी जुटाई गई तो जो तथ्य सामने आए वह चौकाने वाले है। क्योंकि इस मामले में इन तालाबों को संरक्षित करना नगर पंचायत के अधीन है, जहाँ अवैध रूप से मछली पालन और उनका शिकार किया जा रहा है। बावजूद इसके इस अवैध कार्य को खुलेआम अंजाम दिया जा रहा है।
पात्र हितग्राहियों को भटकना मजबूरी…
नगर पंचायत मल्हार और मत्स्य पालन विभाग की उदासीनता की वजह से ही मछली पालक रमेश यादव को परमेश्वरा तालाब के आंबटन निरस्त करने के बाद हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी थी, जहाँ से हाईकोर्ट ने प्रक्रिया का निराकरण करने निर्देश दिए थे, बावजूद इसके मछली पालक को न्याय नही मिला और पूरी प्रक्रिया ही निरस्त कर दी गई। जिस तालाब में भी अवैध रूप से मछली पालन किया जा रहा है।
नियमों को कर दिया गया दरकिनार….
नगर पंचायत में जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासन की ओर से जिम्मेदार अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है, लेकिन भर्राशाही के आगे कोई भी नियम मायने नही रखते, शायद यही वजह है कि न तो आज तक कोई कार्रवाई हुई और न ही पात्र लोगो को उनका हक मिला है।