डेस्क
25 मई की सुबह बिलासपुर जिला पंचायत भवन के दूसरे माले में अचानक आग भभक उठी। इसकी सूचना पाकर वहीं पास ही मौजूद ई आर बी सिविल लाइन के आरक्षक हरीश यादव तुरंत मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में 112 डायल सेवा के साथ सिविल लाइन ईगल टू के आरक्षक शिव जोगी भी वहां पहुंचे ।इन दोनों सिपाहियों ने देखा कि भवन के ऊपर में फंसी एक महिला जोर जोर से चिल्ला रही है। महिला ने उन्हें बताया कि ऊपर के कमरे में 3 से 4 लोग फंसे हुए हैं। यह सुनते ही दोनों आरक्षको ने आव देखा ना ताव ।
किसी तरह जिला पंचायत भवन से लगी दूसरी बिल्डिंग की सीढ़ी से होते हुए वे उस मंजिल तक पहुंच गए ,जहां आग भभक रही थी ,लेकिन वहां धुएं की वजह से खिड़की के पार कुछ भी नहीं दिख रहा था। लिहाजा हरीश और शिव ने सब्बल मंगवाया और करीब 15 मिनट की कोशिशों के बाद खिड़की को तोड़ने में वे कामयाब हुए। उन्होंने देखा कि भीतर कमरे में दो युवक बचाओ बचाओ चिल्ला रहे हैं। धुएं की वजह से दोनों बिल्कुल काला पड़ चुके थे ।उन दोनों को किसी तरह बाहर निकाला गया। वहीं इसके बाद दोनों आरक्षक टॉर्च की मदद से सभी कमरों की तलाशी लेने लगे, तो भीतर के कमरे में उन्हें एक महिला बेहोश मिली। जिसे उठाकर खिड़की के रास्ते ही दोनों ने बाहर लाया । आगजनी के दौरान अपनी जान पर खेलकर जिस तरह शिव जोगी और हरीश यादव ने तीन से चार लोगों की जान बचाई इसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। दोनों सिपाहियों के अदम्य साहस और जान पर खेलकर दूसरों की जान बचाने की भावना के चलते उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। शुक्रवार को राजधानी रायपुर में पुलिस महानिदेशक डी एम अवस्थी द्वारा दोनों रक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया अगर उस दिन हरीश और शिव बहादुरी का परिचय नहीं देते तो 3 से 4 लोगों की जान जा सकती थी। उस कठिन वक्त पर अपना हौसला बरकरार रखते हुए इन दोनों आरक्षको ने जिस बहादुरी का परिचय दिया उसके कारण उनका सम्मान तो बनता ही है। दोनों आरक्षक अपने विभाग के लिए भी प्रेरक बन चुके हैं। वही पूरा पुलिस विभाग उनके इस साहस को सलाम कर रहा है।